आज 03 मार्च के दिन रंगभरी एकादशी का त्योहार का बड़ा धूम धाम से मनाया जा रहा है। बता दें पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। यह एक ऐसा दिन है कि आप भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की पूजा करते हैं. सालभर में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं। लेकिन आपको बता दें कि रंगभरी एकादशी पर ब्रज के बांके बिहारी मंदिर में 5 दिवसीय होली उत्सव शुपू हो गया है। टेसू के फूलों से बने रंग मंदिर के पुजारी भक्तों पर बरसा रहे हैं। वहीं गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में भक्तों ने वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा शुरू की। यहां की 5 कोस की परिक्रमा के लिए भारी जन सैलाब उमड़ा। श्रद्धालु वृंदावन की परिक्रमा कर खुद को धन्य कर रहे हैं।
वहीं रंगभरी एकादशी पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। अपने आराध्य के दर्शन कर रहे हैं और उनके साथ होली खेल रहे हैं। बांके बिहारी मंदिर में परंपरागत टेसू के फूलों से रंग बनाया गया है। इसी रंग को मंदिर के पुजारी ईक्तों पर डाल रहे हैं। मंदिर में इस बार 200 किलों फूल भी मंगाए गए हैं। रंङरनी एकादशी पर वृंदावन में आस्था का सैलाब उमड़ता है। वहीं इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंच रहे हैं। यहां की परिक्रमा कर रहे हैं।
बता दें कि टेसू के फूल मध्यप्रदेश के शिवपुरी इलाके में मिलते हैं। इन फूलों को वहीं से लाया गया है। इसके बाद बड़े-बड़े ड्रमों में पानी से भिगोया गया। उसके बाद फूलों का रस निकालकर चूने को मिलाया गया। इस दौरान रंग को लगातार गर्म किया गया। फिर तैयार हुआ है यह इको फ्रेंडली रंग। यह रंग स्किन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है।