आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है, जो महात्मा गांधी की ग्राम स्वाराज्य के सपने को धरातल पर उतारने व लोकतांत्रिक विक्रेन्द्रीकरण के लिए संसद में बलवंत राय मेहता के नेतृत्व में बनी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज की मजबूत नींव देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने रखी थी। उस पर अधिकारों की एक शानदार इमारत खड़ी करने का काम स्व0 राजीव गांधी ने किया।
आज लागू हुआ था 73 वां संवधिान संशोधन अधिनियम
राजनैतिक इतिहास में आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन 1993 में 73 वां संवधिान संशोधन अधिनियम लागू हुआ। लोगों का मानना है कि स्व0 राजीव गांधी के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक रहा। स्व0 राजीव गांधी का सबसे बड़ा योगदान हमारी राजनीति में 73 वां संविधान संशोधन अधिनियम है। पंचायती राज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सके इस महान सोच के साथ राजीव गांधी जी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने का कार्य किया।
पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने क्या कहा ?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने पंचायती राज दिवस के अवसर पर उक्त बातें कहते हुए आगे कहा कि राजीव गांधी जी का मानना था कि जब तक पंचायतें मजबूत नहीं होंगी तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। स्व0 राजीव गांधी ने संविधान संशोधन लाने की शुरुआत की थी ताकि पंचायतों एवं नगर निकायों को अलग से विशेष रूप से संवैधानिक दर्जा दिया जाये।
वर्ष 1989 में लोकसभा में विधेयक पारित हुआ परन्तु राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत न होने के कारण विधेयक पारित नहीं हो पाया। इसके बाद भी कई सरकारें आई लेकिन जब वर्ष 1991 में कांग्रेस की नरसिंहा राव की सरकार आई तब 73 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित हुआ। 24 अपै्रल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई। जिसमें सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा। 73 वां संविधान संशोधन जो पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देता है और 74 वां संविधान संशोधन जो शहरी इलाकों के नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा देता है।
स्व0 राजीव गांधी का भाषण
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि लोकसभा के प्रस्ताव में दिये गये भाषण में स्व0 राजीव गांधी ने कहा था कि ‘‘ जिन रास्तों से होकर सत्ता दिल्ली तक आती है आज हम ये सत्ता पंचायती राज के माध्यम से हम उन्हें वापस दे रहे हैं। आज ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं को रीढ़ के रूप में काम कर रहे देश की सबसे बड़ी राजनैतिक शक्ति पंचायती राज में निहित है’’। सर्वप्रथम 2010 में 24 अप्रैल को पहली बार राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया था। आज उसी का ही परिणाम है कि देश में पंचायती राज संस्थाओं में लगभग 32 लाख चुने हुए प्रतिनिधि हैं, जिनमें लगभग 15 लाख महिलायें हैं। स्व0 राजीव गांधी ने 73 वें संविधान संशोधन की जब परिकल्पना की और जब यह अधिनियम पारित हुआ तब जाकर महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया गया।