जयपुर। चुनावी राज्य राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को तीसरी सूची को जारी कर दिया है. इसमें 19 प्रत्याशियों को मौका मिला है. इससे पहले कांग्रेस ने 33 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 21 अक्टूबर को जारी की थी, वहीं 22 अक्टूबर को पार्टी ने 43 प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट जारी की थी, जिसमें 5 निर्दलीय विधायकों को मौका दिया गया था और 19 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है. पार्टी ने 95 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. अब पार्टी को बाकी के 105 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करनी है.
The CEC has selected the following persons as Congress candidates for the ensuing elections to the Legislative Assembly of Rajasthan.#RajasthanElections2023 pic.twitter.com/HNSamaNLip
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) October 26, 2023
दो बड़े नेताओं को ईडी का समन
बता दें कि 26 अक्टूबर के दिन राजस्थान की सियासत लगातार गरमाई रही. ऐसा इसलिए क्योंकि सूबे के कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर आज प्रवर्तन निदेशायल यानी ईडी की छापेमारी हुई. इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा है. कांग्रेस नेता इस कार्रवाई के पीछे बीजेपी की कार्रवाई बता हैं. अब इसी बीच राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान सीएम का समर्थन किया है.
यह भी पढ़ें- Delhi: द्वारका के रामलीला मैदान कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी
प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर ED का छापा
पेपर लीक के मामले को लेकर ED की टीम ने सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ED ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट केस में समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. ED फिलहाल डोटासरा और उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की. ED की टीम डोटासरा के जयपुर के सिविल लाइंस में सरकारी आवास सहित सीकर स्थित निजी निवास पर भी पहुंची थी.
सचिन पायलट ने दिया बड़ा बयान
गौरतलब है कि सचिन पायलट ने आज खुलकर सीएम अशोक गहलोत का पक्ष लिया है. उन्होंने कहा है कि वैभव गहलोत को 12 साल पुराने मामले में समन भेजा गया है. आज के दिन राजस्थान में जो भी घटनाक्रम हुआ आप सभी जानते हैं. सूबे में चुनाव होने में 29 दिन का समय बचा हुआ है. आचार संहिता लग चुका है और केंद्र सरकार की एजेंसी ऐसी कार्रवाई कर रही है. ईडी की टाईमिंग और इंटेट संदेह पैदा कर रहा है.