सोमवार से मानसून सत्र की शुरुवात होने जा रही है..लेकिन उससे पहले विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है..दरअसल पीएम मोदी ने एक फरमान जारी किया है.. जिसके के मुताबिक संसद में किसी धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी..
उन्होंने फरमान में कहा है कि “सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते है..उन्होंने सद्स्यों से सहयोग की अपील की है”..
वहीं काग्रेंस ने इस फैसले का विरोध किया है..इसी बीच पार्टी के मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए इस फैसले पर तंज कसा है..दरअसल उन्होंने आदेश की चिट्ठी ट्वीट की है..उन्होंने कहा कि “विश्वगुरू की नवीनतम सलाह- धरना माना है! “
वहीं काग्रेंस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस पर ट्वीट किया..”उन्होंने ने लिखा कि पीठासीन अधिकारी सदस्या के साथ टकराव का मंच क्यों तैयार कर रहे है..पहले अंससदीय शब्दों पर टकराव और अब यह..ये सच में दुर्भाग्यपूर्ण है”..
दरअसल इस से पहले लोकसभा सचिवालय कि तरफ से जारी लिस्ट में कई असंसदीय शब्द बता कर उन शब्दों पर पाबंदी लगा दी है..लिस्ट में दिए गए शब्दों को लोगसभा या राज्यसभा में नहीं बोल सकते..इसमें तानाशाह, खून की खेती, शकुनि, विनाश पुरुष जैसे कई अन्य शब्द है जिन्हें संसद में बोलने पर पाबंदी है..