आज देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से हो गयी है। विक्रम-एस रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपनी उड़ान भरी। इसरो ने शुक्रवार सुबह 11.30 बजे अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेसकी ओर से विकसित रॉकेट को लॉन्च किया। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए इस रॉकेट का नाम ‘विक्रम-एस’ रखा गया है।
मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया
एक नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) विक्रम-एस को चेन्नई से लगभग 115 किलोमीटर दूर यहां अपने स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपित किया गया। चार साल पुराने स्टार्ट-अप ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ के विक्रम-एस रॉकेट के पहले प्रक्षेपण के लिए तैयारी पूरी करने के बाद इसे लान्च किया गया। यह देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र के प्रवेश को दर्शाएगा जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले इसरो का प्रभुत्व रहा है।
अधिकारी ने दी पुरी जानकारी
इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में हमारे साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप्स समझौता कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां हैं, जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हैं। एक सवाल के माध्यम से उन्होंने बताया, ‘कई अभियान ऐसे हैं, जिनपर इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसरो भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और स्मार्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं का अहम भागीदार है।