इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक और वीडियो उत्तर प्रदेश से सामने आया है। जान बचाने वाले मसीहा ही जब यमराज बनने लगे, तो इस दुनिया का क्या होगा? जब डॉक्टर दवा की जगह जहर देने लगे, तो मरीज कहा जाएंगा? उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक ऐसी की घटना सामने आई। जिसने हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया। इस घटना का वीडियो तेजी इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल है।
सोशल मीडिय पर वीडियो की बात करें तो, एक महिला बाइक पर शायद तड़प रही है, उसके साथ आए परिजन उसे संभालने की कोशिश कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर उसकी पीड़ा को देखने वाला कोई नहीं है, ना डॉक्टर और ना ही अस्पताल का कोई कर्मचारी। इसी तरह तड़प-तड़प कर युवती दम तोड़ देती है। उसके साथ आई महिला परिजन चीख-चीख कर रोने लगती है। लेकिन अस्पताल कर्माचरियों का दया नहीं आती है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में राधास्वामी अस्पताल में एक डॉक्टर ने इस महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया था। इसके बाद असंवेदनशील हॉस्पिटल स्टाफ ने पीड़िता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया , जिसके बाद बाइक पर महिला ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। परिजन शव को मोटरसाइकिल से ही लेकर घर पहुंचे। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया।
सोचिए, अगर सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल नहीं होती तो क्या होता? प्रदेश के डिप्टी सीएम को इसकी जानकारी मिल पाती? शायद नहीं, क्योंकि एक पीड़ित परिवार के पास तो इतना होश ही नहीं होता कि वो इंसाफ के लिए गुहार लगाते। इस घटना का अगर वीडियो नहीं बनाया जाता तो, अस्पताल वाले कभी अपनी गलती नहीं मानते। लेकिन सोशल मीडिया की ताकत की वजह ये मामला उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास पहुंचा।
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डिप्टी सीएम के निर्देश पर सीएमओ की टीम ने मामले की जांच की। जिसमें परिजनों के आरोप सही मिले, जांच में पाया गया कि मैनपुरी निवासी युवती की तबीयत बिगड़ गई। परिजन युवती को लेकर करहल रोड स्थित राधास्वामी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल कर्मचारियों ने युवती का शव परिजन की बाइक पर रख दिया। जिससे की डॉक्टर के गलत इलाज की सचाई सामने ना आ सके।
सीएमओ की जांच में अस्पताल को दोषी पाया गया। इसके बाद राधास्वामी अस्पताल को सील कर दिया गया है। हॉस्पिटल का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए एसीएमओ की अध्यक्षता दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। दो सदस्यों की टीम अस्पताल की पूरी तरह जांच करेगी, जिससे पता चले सके कि, असपताल में ऐसी पहले भी कोई घटना हुई है या नहीं।