Alwar Case Update: राजस्थान के अलवर में 11 जनवरी को तिजारा फाटक पुलिया पर हुई घटना के मामले में घटना स्थल पर नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों ने झाड़ू लगा दी, जबकि यह मामला सीबीआई जांच के लिए भी भेजा जा चुका है. उससे पहले झाड़ू लगने पर आमजन में भ्रम पैदा हो रहे हैं कि कहीं सबूतों को साफ तो नहीं किया जा रहा।
मूक बधिर घटना मामले में पुलिस अभी पूरी तरह खुलासा नहीं कर पाई है. हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म न होने की बात भी सामने आ चुकी है. वहीं पुलिस भी अबतक की अपनी जांच में इसे दुष्कर्म नहीं एक्सीडेंट मान कर आगे बढ़ ही है. इस मामले में पुलिस द्वारा पूरा सीन भी रिक्रिएट किया जा चुका है, जिसमें एक फूड सप्लाई करने वाले बाइक राइडर ने पीड़िता को टक्कर मारी थी।
लेकिन पीड़ित परिवार सहित आमजन को नहीं लग रहा था कि यह एक्सीडेंट हो सकता है, क्योंकि बच्ची के गुप्तांग में गंभीर चोटें आई थीं. इस मामले में लगातार चल रहे प्रदर्शन व विपक्ष की मांग के दबाव के चलते गहलोत सरकार ने इसे मंजूर करते हुए यह मामला सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया है।
लेकिन अभी सीबीआई की जांच शुरू भी नहीं हुई कि घटना स्थल यानी तिजारा फाटक पुलिया पर नगर परिषद कर्मचारियों ने झाड़ू लगा दी. इससे लोगों में भ्रम पैदा हो गया कि कहीं सीबीआई आने से पहले सबूत तो नहीं मिटाए जा रहे. इस मामले में अलवर सांसद बाबा बालक नाथ ने गहलोत सरकार पर सीबीआई जांच शुरू होने से पहले सबूतों को नष्ट करने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म नहीं होने की रिपोर्ट भी राजनैतिक दबाव में बदली गई है. इस पूरे मामले में अलवर में पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए सर्व समाज संघर्ष समिति बनाई गई है, जिसके आह्वान पर शनिवार को अलवर बंद रखा गया है. इस मामले में नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा का कहना है कि यह रूटीन काम है. पुलिया पर हर हफ्ते या 15 दिन में सफाई होती रहती है।