खतरे में बांग्लादेश? मॉब लिंचिंग और हत्याओं से दहला मुल्क, छात्रों ने भरी हुंकार.

छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 'धर्म के नाम पर भीड़ तंत्र' के खिलाफ मार्च निकालकर यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

Bangladesh

Bangladesh protests: बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बर्बर लिंचिंग के बाद उपजी अराजकता ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन जेसीडी (JCD) ने रविवार को राजधानी में विशाल विरोध मार्च निकालकर यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व धर्म को ढाल बनाकर भीड़ को उकसा रहे हैं, जो देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। उन्होंने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और हिंसा पर लगाम लगाने की मांग की है। मीडिया संस्थानों पर हुए हमलों और बढ़ती ‘मॉब कल्चर’ ने प्रशासन की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रमुख घटनाएं और छात्रों का आक्रोश

रविवार को Bangladesh  ढाका यूनिवर्सिटी के टीचर स्टूडेंट सेंटर (TSC) से शुरू हुए विरोध मार्च में छात्रों ने ‘भीड़ हिंसा’ (Mob Violence) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। छात्र नेताओं ने निम्नलिखित बिंदुओं पर सरकार को घेरा:

सरकार को अल्टीमेटम

इंकलाब मंच और अन्य छात्र संगठनों ने स्पष्ट किया है कि यदि अगले 24 घंटों में उस्मान हादी के हत्यारों को सार्वजनिक नहीं किया गया और हिंसा नहीं रुकी, तो आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर और उग्र किया जाएगा।

“भीड़ के नाम पर फैलाई जा रही यह अराजकता बांग्लादेश की संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा है। दोषियों को सजा देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।” — जेसीडी नेतृत्व

मौजूदा स्थिति पर एक नजर

घटना

स्थान

परिणाम

उस्मान हादी की हत्या

ढाका/सिंगापुर

देशव्यापी विरोध और आगजनी

दीपू चंद्र दास की लिंचिंग

मयमनसिंह

अल्पसंख्यक समुदायों में डर का माहौल

बेलाल हुसैन के घर हमला

लक्ष्मीपुर

7 साल की बच्ची आयशा की मौत

फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों से पहले Bangladesh  की यह अस्थिरता अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है।

बांग्लादेश ने भी अपने हिसाब का नर्क चुन लिया है।

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