Khandwa incident: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में 23 मई 2025 की रात को एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ हुए क्रूरतम सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। हरि पालवी और सुनील धुर्वे नाम के दो आरोपियों ने शराब के नशे में महिला से बलात्कार किया, फिर उसके शरीर में नुकीली वस्तु डालकर उसकी आंतें बाहर निकाल दीं, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में इस दुष्कर्म और अत्याचार की भयावहता का खुलासा हुआ, जिसे देख डॉक्टर भी दहल गए। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की शर्मनाक विफलता का परिचायक है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर संकट को भी उजागर करती है।
घटना का पूरा मंजर
Khandwa थाना क्षेत्र के खालवा इलाके में 23 मई की रात पीड़िता, जो अपने दो बच्चों की मां थीं, एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने गई थीं। आरोपियों हरि और सुनील ने पहले उसके साथ शराब पी, फिर सामूहिक बलात्कार किया। अत्यंत क्रूरता से, उन्होंने उसकी आंतें और गर्भाशय बाहर निकाल दिए, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम करने वाली फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सीमा सूटे ने बताया कि पीड़िता की हालत बेहद भयावह और असहनीय थी।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस जांच
Khandwa पुलिस ने आरोपियों को तुरंत हिरासत में लिया है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 66, 70(1), और 103(1) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने यौन हिंसा के बाद हुए घातक रक्तस्राव को मौत का कारण बताया है। पुलिस ने घटना स्थल से खून से सना बेड रोल जब्त कर लिया है, लेकिन अभी तक नुकीली वस्तु बरामद नहीं हुई है। आरोपियों की रिमांड पर पूछताछ जारी है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को “जंगलराज” बताया और सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। पूर्व मंत्री अरुण यादव और कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने भी राज्य सरकार की नाकामी पर तीखी टिप्पणी की। पूरे प्रदेश में इस घटना के खिलाफ गहरा आक्रोश है। अंबिकापुर में महिलाओं ने प्रदर्शन कर इसे मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था की एक बड़ी विफलता बताया।
यह दर्दनाक और जघन्य कांड मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता की घंटी है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए यह एक बड़ा परीक्षण है कि वे कैसे इस तरह की घिनौनी घटनाओं को रोकेंगे और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे। महिला सुरक्षा और न्याय के लिए समाज और सरकार के हर स्तर पर एकजुटता आवश्यक है।