Lawrence Bishnoi : लॉरेंस बिश्नोई, एक नाम जो अब अपराध की दुनिया में एक खौफनाक पहचान बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह अपराधी एक साधारण कॉलेज के छात्र से कैसे बना? आइए जानते हैं लॉरेंस के आतंक का साम्राज्य बनाने की पूरी कहानी।
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। उनके पिता हरियाणा पुलिस में सिपाही थे, लेकिन बेटे के जन्म के चार साल बाद, यानी 1997 में, उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला किया। लॉरेंस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अबोहर जिले से पूरी की और 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई वहीं की।
कॉलेज में राजनीति में थी रुचि
वर्ष 2011 में, लॉरेंस के पिता ने उसे चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला दिलवाया। इसी दौरान, कॉलेज के माहौल ने उसे राजनीति में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया। लॉरेंस ने पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स काउंसिल में शामिल होकर स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में कदम रखा।
गोल्डी बरार से हुई दोस्ती
कॉलेज में लॉरेंस की मुलाकात गोल्डी बरार नाम के एक गैंगस्टर से हुई, जो पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था। दोनों ने पहले स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में एक साथ काम किया। लेकिन जब दूसरे गुट के साथ उनका टकराव हुआ, तो इसने उन्हें अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए मजबूर कर दिया।
ऐसे बना गैंगस्टर
लॉरेंस ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही एलएलबी की डिग्री हासिल की। हालांकि, इस दौरान उसकी जिंदगी में कई विवाद पैदा हुए। उस पर हमले, हत्या के प्रयास और डकैती जैसे गंभीर मामलों में आरोप लगे। कुल मिलाकर, उसके खिलाफ 7 केस दर्ज हुए, जिनमें से 4 में वह बरी हो चुका है, जबकि 3 मामलों की सुनवाई अभी जारी है।
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लॉरेंस बिश्नोई की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे एक साधारण छात्र की जिंदगी में राजनीतिक और आपराधिक गतिविधियों का मिश्रण उसे एक गैंगस्टर बना सकता है। उसकी यात्रा ने यह सवाल उठाया है कि क्या सही दिशा में मार्गदर्शन न होने पर युवा कैसे गलत रास्ते पर जा सकते हैं।