एक पिता अपनी बेटी कि शादी के लिए काफी अरमान सजाएं रखता है, और सोचता है कि शान से अपनी बेटी को विदा करूंगा। बता दें कि यूपी के संभल जिले के एक गांव में देश की आजादी से अब तक दलित समाज की शादी में बैंड के साथ बारात नहीं निकलती थी पर एक पिता की ख्वाहिश थी कि वह अपनी बेटी की बारात बैंड बाजे के साथ गांव में आए। तब पिता ने पुलिस से गुहार लगाई। वहीं इस पर पुलिस की ओर से उसकी बेटी की शादी के लिए 60 पुलिस वालों की भारी-भरकम फोर्स तैनात कर दी गई । बता दें कि देश की आजादी के 75 साल बाद पहली बार गांव में दलित बेटी की बारात बैंड-बाजे के साथ धूम-धाम से निकली। इस मौके पर थानेदार ने दुल्हन को उपहार स्वरूप 11 हजार रुपए दिए।
दरअसल, यह मामला है संभल जिले के जुनवाई थाना इलाके के गांव लोगा मई का। यहां दलित समाज की शादी में बैंड बाजे नहीं आते थे। इस गांव के दलित राजू ने एसपी को शिकायत पत्र देकर सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि बेटी की शादी में वह बारात की अगवानी अच्छीी तरीके से करना चाहते हैं। वह चाहते है कि बेटी की बारात बैंड बाजे के साथ आए।इस पर संभल पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि उसकी बेटी की शादी न सपर्फ धूमधाम से होगी बल्कि बारात भी बैंडबाजे के साथ निकलेगी।
उन्होंने बारात की सुरक्षा के लिए 60 पुलिस की ड्यूटी लगा दी। शुक्रवार को दलित राजू की बेटी की जनपद बदायूं से बारात आई। इस पर गांव में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई। ऐसा लगा कि किसी वीआईपी की शादी हो। शाम को जैसे ही बारात बैंड बाजे के साथ निकली तो भारी फोर्स बारात के साथ सुरक्षा घेरे के रूप में चली। बारातियों ने बारात में जमकर डांस किया। सीओ गुन्नौर आलोक सिद्धू व जुनवाई थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा सहित पुलिसकर्मी भी बारात में शामिल हुए। शादी में थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने बेटी की शादी में 11000 दान दिए। दुल्हन रवीना की मां उर्मिला बाल्मीकि ने बताया कि उनके गांव में दलित समाज के लोगों की शादी की बारात धूमधाम से निकली। जुनावई थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने बताया कि बारात सकुशल निकली. गांव में सुरक्षा के लिहाज से फोर्स लगा दी गई है.