लखनऊ। कानपुर के जाजमऊ आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी पर फैसला एमपी एमएलए सेशन कोर्ट ने सुरक्षीत रख लिया। अब यह फैसला 6 अप्रैल को सुनाया जाएगा।
पुलिस मेरा एनकाउंटर करना चाहती : सपा विधायक
इससे पहले मामले में पेशी पर पहुंचे सपा विधायक इरफान सोलंकी ने पुलिस पर आरोप लगाया की वो उनका एनकाउंटर करना चाहती हैं। गुरुवार को एमपी एमएलए सेशन कोर्ट में जाजमऊ आगजनी मामले में फैसले के लिए महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया। जहां लाइन में कुछ देर खड़े रहने के बाद इरफान का गुस्सा अचानक फूट पड़ा। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं कमिश्नर की पेशी पर आया हूँ या कोर्ट की पेशी पर ? मुझे दो घंटे से पुलिस लाइन में क्यों रखा गया है ? । क्या पुलिस मेरा भी एनकाउंटर करना चाहती थी। इस दौरान उन्होंने खुद को कई जानवर भी बताते रहे।
फिर से सुनवाई, फिर होगा फैसला
ज्ञात हो कि जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी के प्लॉट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में सात नवंबर 2022 को आग लग गई थी। जिसको लेकर कहा गया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी ने अपने साजिश के तहत वो आग लगवाई थी।
इस मामले में कोर्ट में दायर याचिका पर 1 मार्च को बहस पूरी हो गई थी। मामले में आज फैसला आने वाला था। लेकिन सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने मामले में दोबारा सुनवाई के लिए छह अप्रैल की तारीख देते हुए फ़ैसले को टाल दिया।
आरोपी जेल में बंद
जाजमऊ आगजनी मामले में इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली व इजराइल आटे वाला के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चल रही थी। इस मामले में आरोपी इरफान के अलावा रिजवान, शौकत अली व इसराइल आटे वाला फिलहाल कानपुर जेल में बंद हैं। जबकि जमानत पर मोहम्मद शरीफ की जेल से बाहर हैं।