नई दिल्ली। दिल्ली शराब मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा गिरफ़्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में दिए गए चुनौती पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी तथा ED की तरफ से ASG एसवी राजू के बीच 5 घंटे की दलीलों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
चुनाव से दूर करने के लिए केजरीवाल की गिरफ़्तारी : कोर्ट में उनके वकील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तरफ से कोर्ट में उनकी पैरवी कर रहें सीनियर एडवोकेटअभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण केस है। इसमें लोकतंत्र को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री के गिरफ़्तारी से निश्चित हो गया कि वो चुनाव में हिस्सा नही ले पाएंगे। उन्हें पहला समन अक्टूबर 2023 में भेजा गया लेकिन उनकी गिरफ़्तारी 21 मार्च को हुई हैं। जिसमें दुर्भावना की बू आती हैं। जो लोकतंत्र के मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचा रहा। गिरफ्तारी की टाइमिंग बताती है यह असंवैधानिक है।
हम आंधरे में तीर नही चला रहें : ईडी के वकील
वहीं मामले को लेकर ED के वकील ASG राजू ने तर्क दिया कि मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति चुनाव से 2 दिन पहले किसी का मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? उसकी गिरफ्तारी कानून के मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाएगी। आप किसी का मर्डर करेंगे और कहेंगे कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाए क्योंकि इससे कानून के मूलभूत ढांचे को नुकसान होगा ? ईडी के वकील ने तर्क दिया कि अपराधी और आरोपी यह नहीं सुनिश्चित कर सकता कि उसने गुनाह किया है लेकिन उसे इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, क्योंकि चुनाव हैं। ये विचार हास्यास्पद है। ASG राजू ने कोर्ट में कहा कि हम अंधेरे में तीर नहीं चला रहे बल्कि हमारे पास वॉट्सऐप चैट, हवाला ऑपरेटर्स आदि सभी के बयान है। इसके अलावा हमारे पास इनकम टैक्स का डेटा भी है।