Delhi: मुख्यमंत्री (Delhi) और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल प्रशासन के अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके स्वास्थ्य के बारे में किए जा रहे झूठे दावों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अखबार में तिहाड़ प्रशासन का एक बयान देखा, जिससे उन्हें दुख हुआ। उन्होंने बताया कि उन्हें रोजाना इंसुलिन की जरूरत पड़ती है।
केजरीवाल ने क्या कहा?
केजरीवाल ने आगे कहा, “मैंने अपने ग्लूकोमीटर की रीडिंग दिखाई है और बताया है कि मेरा शुगर लेवल दिन में तीन बार बढ़ रहा है। शुगर लेवल 250 से 320 के बीच उतार-चढ़ाव करता है। एम्स के डॉक्टरों ने कभी नहीं कहा कि चिंता का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे डेटा की जांच के बाद मार्गदर्शन करेंगे। तिहाड़ प्रशासन राजनीतिक दबाव में झूठ बोल रहा है।”
एम्स विशेषज्ञों के साथ हुई थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
इससे पहले रविवार (21 मार्च) को तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करने की व्यवस्था की गई थी।
इस बातचीत के दौरान न तो केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा उठाया और न ही डॉक्टरों ने इसका सुझाव दिया था। एक अधिकारी ने केजरीवाल को आश्वासन दिया कि गंभीर चिंता का कोई कारण नहीं है और उन्हें निर्धारित दवाएं जारी रखने की सलाह दी।
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सौरभ भारद्वाज ने क्या दावा किया?
केजरीवाल को डायबिटीज है। पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि इसके बावजूद उन्हें उचित सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। भारद्वाज ने जोर देकर कहा कि टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित केजरीवाल इंसुलिन दिए जाने और अपने पारिवारिक चिकित्सक से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जेल प्रशासन उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं कर रहा है।
शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने एक नई याचिका दायर की, जिसमें जेल में रोजाना 15 मिनट अपने चिकित्सक से परामर्श लेने और इंसुलिन लेने की मांग की गई।