Delhi: मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने के लिए ऐलान कर दिया है. यह भाजपा के 2019 घोषणापत्र में भी शामिल था. इससे उत्पीड़िन हुए लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का रास्ता साफ हो जाएगा. इसी के साथ आपकों बता दे कि भारत में अब सीएए लागू कर दिया है.
इस कानून के तहत 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारत की नागरिकता प्राप्त हो सकती है.
Central Government notifies implementation of Citizenship Amendment Act (CAA). pic.twitter.com/zzuuLEfxmr
— ANI (@ANI) March 11, 2024
11 दिसंबर 2019 को हुआ था पारित
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को 2019 के दिसंबर के महिने में पारित कर दिया गया था. जिसके बाद इसको राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई थी. लेकिन उसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था. अभी तक यह कानून इसलिए लागू नही हो पाया था क्योंकि इसे संज्ञान में लाने के लिए अधिसूचित करना बचा हुआ था.
सीएए को राज्यसभा ने 11 दिसंबर 2019 को पारित कर दिया गया था जिसके बाद इसे लेकर राज्य में बड़े लेवल पर इसका विरोध किया गया था. जिसमें आंदेलन करने वाले लोग प्रशासन के साथ भिड़ गए थे. जिसके बाद कई जगहों और शहरों में मजबूरन कर्फ्यू लगाना पड़ गया था. अमित शाह द्वारा पहले ही कहा जा चुका था कि सीएए नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा.
विपक्षी दलों ने किया इसका विरोध
सीएए के लागू होने के बाद टीएमसी सहित कई विपक्षी दल और संगठन सरकार के इस फैसले के विरोध कर रहे है और प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे रहे है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वो लोगों के साथ भेद-भाव करने वाली कोई भी चीज होगी वो उसका विरोध जरुर करेंगी. दूसरी तरफ सरकार का कहना था कि पाकिस्तान, बाग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा हैं जबकि हिंदू और अन्य जातियों की संख्या बहुत ही कम है.