दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामला बढ़ता ही जा रहा है। एक बार फिर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना पर निशाना साधा है। दिल्ली के शिक्षको को फिनलैंड प्रशिक्षण के लिए भेजने से जुड़े मामले समेत कई मुद्दों पर दिल्ली सरकार और एलजी आमने-सामने हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल का न्योता मंजूर नहीं किया। जिसके बाद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलने के विए बुलाया है, लेकिन हम सभी विधायकों के साथ मिलना चाहते है। उपराज्यपाल का यह न्योता मंजूर नहीं।
एलजी ने कई प्रस्तावों पर नहीं दी मंजूरी नहीं दी
बता दें कि अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, उपराज्यपाल ने सभी विधायकों और मंत्रियों से मिलने से मना कर दिया है। यह दो करोड़ जनता का अपमान है कि हमारे विधायकों और मंत्रियों से मिलने से मना कर दिया। आगे की रणनीति हम तय करके बताएंगे। इस बीच अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल निवास के पास से वापस लौट आए। अरविंद केजरीवाल के कई प्रस्तावों पर एलजी ने मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में प्रतीत हो रहा है कि ये विवाद अभी लंबा चलेगा।
दरअसल, केजरीवाल और उनके सहयोगी एलजी के आवास के पास पहुंचे, तो एलजी के कार्यलय ने एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा , “सरकार को सलाह दी गई है कि वो प्रस्ताव का समग्रता के साथ मूल्यांकन करे और रिकॉर्ड दर्ज करें। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब ने हमारे बहुत काम रोक दिए, मेरी उनसे अपील है कि वो संविधान को माने। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के एक आदेश का जिक्र करते हुए यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते । इससे पहले दिल्ली विधानसभा में भी सरकार बनाम एलजी का मुद्दा गरमाया।
मिस्टर एलजी, शिक्षकों को फिनलैंड जाने की इजाजत दीजिए
दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आज हंगामे के बाद स्थगित हो गया। इसके बाद सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आप पार्टी के विधायकों ने एलजी हाउस तक मार्च किया। दिल्ली सरकार के निर्णय में एलजी के कथित हस्तक्षेप पर आप ने अपना भारी विरोध दर्ज कराया है। केजरीवाल सहित सभी विधायक हाथों में तख्तियां लिए नजर आए, जिन पर लिखा था- मिस्टर एलजी, शिक्षकों को फिनलैंड जाने की इजाजत दीजिए। वहीं केजरीवाल ने संवाददातोओं से कहा “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप विधायकों को उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च करना पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल अपनी गलती पर गौर करेंगे और शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षण की अनुमति देंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते, लेकिन वह ऐसा कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के काम जानबूझकर राजनीतिक कारणों से बाधित किए जा रहे हैं. उपराज्यपाल कोई हमारे प्रधानाध्यापक नहीं हैं, जो हमारा होमवर्क जांचेंगे। उन्हें हमारे प्रस्तावों के लिए केवल हां या ना कहना है।