नई दिल्ली। काफी दिनों से विवादों में रहा दिल्ली सेवा बिल अब कानून बन गया है. पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पारित होने के बाद आब इसको भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी मंजूरी मिल गई। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सदन में लाया गया विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है.
अमित शाह ने 1 अगस्त को सदन में पेश किया था बिल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त को संसद के मानसून सत्र राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार(संशोधन) विधेयक 2023 को पेश किया था. राष्ट्रपति के मंजूरी के बाद अब यह दिल्ली कानून बन गया है. भारत सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संसोधन) अधिनियम 2023 को लागू करने की जानकारी दी है . अब यह कानून दिल्ली में सेवाओं पर लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा.
इस नाम से पहचाना जाएगा दिल्ली सेवा कानून
बता दें कि भारत सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करके कहा गया है कि, कानून को 19 मई, 2023 से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लागू माना जाएगा. इस अधिनियम को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 के नाम से पहचाना जाएगा. संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिल्ली के लिए नियुक्त प्रशासक और राष्ट्रपति द्वारा उपराज्यपाल के रूप में नामित किया गया है.
केंद्र सरकार के हाथों में ट्रांसफर-पोस्टिंग की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 के बनने के बाद से दिल्ली के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई का नियंत्रण केंद्र के बीजेपी सरकार के हाथों में होगी. संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस विधेयक को 1 अगस्त को पेश किया गया था, जो अब कानून का रूप ले चुका है. सदन के अधिकांक विपक्षी सांसद इस विधेयक के खिलाफ देखे गए थे.