Awadh Ojha election dream: आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पटपड़गंज विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार Awadh Ojha की वोटर आईडी बनाने में हुई देरी उनकी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने वोटर आईडी बनाने की आखिरी तारीख को 7 जनवरी से बदलकर 6 जनवरी कर दिया, जिससे ओझा के नामांकन पर संकट आ सकता है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह पूरी प्रक्रिया राजनीति से प्रेरित हो सकती है, जिससे ओझा को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि Awadh Ojha ने 26 दिसंबर को दिल्ली में वोटर आईडी के लिए आवेदन किया था, और 7 जनवरी को उन्होंने इसे ट्रांसफर करने के लिए भी आवेदन किया था। हालांकि, अब तक उनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है। केजरीवाल ने इस देरी को चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि ओझा चुनाव नहीं लड़ सकें।
हमारे उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश‼️
पटपड़गंज विधानसभा से हमारे उम्मीदवार अवध ओझा जी ने अपना वोट दिल्ली में ट्रांसफर करने का आवेदन 7 जनवरी को किया।
लेकिन दिल्ली CEO ने चुपचाप 6 जनवरी तक ही वोट ट्रांसफर का आदेश जारी किया।
– @ArvindKejriwal #BJPKaVoterScam pic.twitter.com/V55emUieWe
— Aam Aadmi Party – Bihar (@AAPBihar) January 13, 2025
वोटर आईडी पर फंसा पेंच
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर अपना विरोध जताया और कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग ने पहले 7 जनवरी को वोटर आईडी बनाने की आखिरी तारीख निर्धारित की थी, लेकिन उसे 6 जनवरी कर दिया। इससे अवध ओझा का वोटर कार्ड नहीं बन पाया और उनकी चुनावी प्रक्रिया में मुश्किलें आ सकती हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगर समय पर वोटर आईडी कार्ड नहीं बना तो ओझा अपना नामांकन नहीं कर पाएंगे, जो कि चुनाव आयोग की तरफ से जानबूझकर की गई एक बाधा हो सकती है। यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण बन जाता है, क्योंकि ओझा पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं, और इस सीट पर उनकी जीत पार्टी के लिए बेहद अहम हो सकती है।
जाट आरक्षण पर केंद्र को घेरा
इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल ने जाट आरक्षण मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 2015 में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें जाट समाज को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने का आग्रह किया था। इसके बावजूद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आश्वासन मिलने के बाद भी इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। केजरीवाल ने सवाल किया कि केंद्र सरकार कब जाट समाज को ओबीसी की सूची में डालेगी।