Delhi Air Pollution : दिल्ली के मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते गुरुवार (9 जनवरी) शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बढ़कर 357 तक पहुंच गया, जबकि बुधवार को यह 297 दर्ज किया गया था। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू करने का आदेश दिया।
ग्रैप-3 के चलते किन-किन चीज़ों पर लगी रोक ?
- ग्रैप-3 का उद्देश्य प्रदूषण की स्थिति को और खराब होने से रोकना है, ताकि हालात नियंत्रण में रहें। इससे पहले रविवार को ग्रैप-3 के तहत लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए गए थे।
- ग्रैप-3 के तहत दिल्ली में गैर-आवश्यक निर्माण कार्यों पर कड़ी रोक लगी है, जिसमें बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई, पाइलिंग और अन्य विध्वंसक कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, ओपन ट्रेंच प्रणाली से सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और बिजली की केबलिंग जैसी कार्यों पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इसके साथ ही, स्कूलों को कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए आज से ‘हाइब्रिड मोड’ में कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें छात्रों और उनके अभिभावकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई का विकल्प उपलब्ध होगा।
- ग्रैप-3 के तहत, दिल्ली और एनसीआर में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहन चलाने पर भी प्रतिबंध लगा है, हालांकि दिव्यांगजनों को इस नियम से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली में BS-4 या पुराने मानक वाले डीजल से चलने वाले गैर-आवश्यक मध्यम मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू किया गया है।
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वायु गुणवत्ता आयोग ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को चार श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी (एक्यूआई 201 से 300 के बीच) को “खराब” माना जाता है, दूसरी श्रेणी (एक्यूआई 301 से 400 के बीच) को “बहुत खराब” कहा जाता है, तीसरी श्रेणी (एक्यूआई 401 से 450 के बीच) को “गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है, और चौथी श्रेणी (एक्यूआई 450 से अधिक) को “अत्यधिक गंभीर” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।