Delhi elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पांच बार के विधायक रहे मतीन अहमद ने आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल होकर कांग्रेस को करारा झटका दिया है। Delhi के सीलमपुर विधानसभा से विधायक रहे मतीन अहमद की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है, जो 1993 से 2015 तक क्षेत्र में जनता का भरोसा जीतते रहे हैं। मतीन अहमद के इस कदम को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस के कमजोर होने की एक बड़ी वजह माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद उनके घर जाकर उनका स्वागत किया, जिससे साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से अहम भूमिका निभाने का उन्हें मौका मिलेगा।
अरविंद केजरीवाल और इमरान हुसैन ने किया स्वागत
अरविंद केजरीवाल ने मतीन अहमद के घर पहुंचकर उन्हें AAP में शामिल करवाया, जिससे यह संदेश गया कि आम आदमी पार्टी मतीन अहमद की सियासी ताकत को लेकर गंभीर है। Delhi सरकार के मंत्री इमरान हुसैन भी इस दौरान मौजूद थे, जिससे पार्टी की रणनीति में इस बदलाव की अहमियत जाहिर होती है। माना जा रहा है कि मतीन अहमद का परिवार दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की टिकट पर मुकाबला करेगा, जो कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
मतीन अहमद की सियासी पकड़
मतीन अहमद का राजनीतिक सफर 1993 में जनता दल से शुरू हुआ था, जब उन्होंने सीलमपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। इसके बाद 1996 में कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने लंबे समय तक पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके मतीन अहमद का क्षेत्र में खासा प्रभाव है। मुस्लिम मतदाता प्रभाव वाले दस विधानसभा क्षेत्रों में मतीन अहमद की गहरी पकड़ मानी जाती है, जो आगामी चुनावों में AAP के पक्ष में निर्णायक साबित हो सकती है।
परिवार भी हुआ AAP के साथ
Delhi में विधानसभा चुनाव से पहले अहमद के परिवार ने भी आम आदमी पार्टी की ओर रुख किया है। हाल ही में दिवाली के मौके पर उनके बेटे चौधरी जुबेर और बाबरपुर जिलाध्यक्ष और शगुफ्ता चौधरी ने AAP में शामिल होकर कांग्रेस के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कांग्रेस के लिए यह निर्णय उस समय आया है, जब दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं।