Arvind Kejriwal : दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से दाखिल याचिकाओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। ये याचिकाएं उस आदेश को चुनौती देती हैं, जिसके तहत निचली अदालत ने केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में समन भेजा था।
न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने ईडी को निर्देश दिया कि वह दोनों याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल करे और अपनी प्रारंभिक आपत्तियों को उसमें दर्ज करे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को होगी।
क्यों हुआ था समन जारी?
ईडी ने आरोप लगाया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण में गंभीर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुए हैं। एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने शराब कारोबारियों से कथित रिश्वत लेकर नीति में जानबूझकर बदलाव कराए। इसके एवज में मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव में किया।
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ईडी ने पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को कई बार समन भेजा, लेकिन उनके पेश नहीं होने पर एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल को दो बार समन जारी किए। इसके खिलाफ केजरीवाल ने पहले सेशंस कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 17 जून 2024 को कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी।अब हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में केजरीवाल ने न सिर्फ मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को, बल्कि सेशंस कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी है।
क्या है पूरा मामला ?
ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता ज़ोहेब हुसैन ने केजरीवाल की याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसी तरह की एक याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है, और दोबारा उसी आधार पर पुनरीक्षण याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि इस पूरे मामले की जांच CBI और ED दोनों कर रही हैं। केजरीवाल को 21 मार्च को उनके घर से ईडी ने गिरफ्तार किया था । इसके बाद जून में CBI ने उन्हें न्यायिक हिरासत से गिरफ्तार किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ईडी मामले में और 13 सितंबर को सीबीआई मामले में ज़मानत दे दी थी। अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि 10 सितंबर को हाईकोर्ट में क्या रुख अपनाया जाएगा और क्या केजरीवाल को राहत मिलेगी या नहीं।