📍Hauz Khas Metro Station, Delhi pic.twitter.com/5dalAUp8k6
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) March 25, 2025
“लगता है पूरी दिल्ली यहीं उतर रही है!”
हौज खास स्टेशन—येलो और मैजेंटा लाइन का वो प्वाइंट जहां भीड़ अपने पीक पर होती है। शाम 6 बजे, ऑफिस से लौटते लोग, कोचिंग से निकले स्टूडेंट्स और कुछ बस सफर का मज़ा लेने वाले इधर-उधर भटकते लोग। कोई फोन पर बिज़ी, कोई बैग पकड़कर बस सर्वाइव करने की कोशिश में। @SaffronHitman ने कमेंट किया, “लगता है आज आधी दिल्ली हौज खास में मिल रही है। 🚇😂”—और ये कमेंट Delhi Metro के स्ट्रगल को एकदम सही कैप्चर करता है।
रोज़ का सफर या सर्वाइवल गेम?
Delhi Metro सिर्फ ट्रांसपोर्ट नहीं, ये ज़िंदगी जीने का आर्ट है। शेफाली अरोड़ा, जो रोज़ गुरुग्राम तक मेट्रो से सफर करती हैं, कहती हैं, “हर दिन लगता है जैसे PUBG खेल रही हूं—भीड़ से बचो, ट्रेन पकड़ो, सही सीट ढूंढो!” नवंबर 2024 में मेट्रो ने 78.7 लाख यात्रियों का रिकॉर्ड तोड़ा। राजीव चौक, लक्ष्मी नगर, और हौज खास जैसे स्टेशनों पर तो ऐसा लगता है मानो ओपनिंग सेरेमनी हो रही हो।
भीड़ में छुपी छोटी-छोटी खुशियां
बेशक, ये हड़बड़ी भारी पड़ती है, लेकिन Delhi Metro में कुछ अलग ही वाइब है। कभी कोई अनजान मुस्कुराकर रास्ता दे देता है, कभी गिटार बजाते कलाकार सफर को खुशनुमा बना देते हैं। बच्चे एस्केलेटर पर खुशी से उछलते हैं और बगल वाली सीट पर बैठे दो लोग अजनबी से दोस्त बन जाते हैं। यहीं पर जिंदगी चलती है, कभी स्लो, कभी फास्ट।
आगे क्या?
दिल्ली बढ़ रही है, तो मेट्रो को भी ग्रो करना होगा। ज़रूरत है बेहतर ट्रेन फ्रीक्वेंसी, भीड़ कंट्रोल के नए तरीकों और नई लाइनों के विस्तार की। लेकिन जब तक ये नहीं होता, तब तक हमें इसी भीड़ में अपनी जगह बनानी होगी—कभी थोड़ा धक्का खाकर, कभी थोड़ा हंसकर। मेट्रो सिर्फ एक सफर नहीं, ये दिल्ली की धड़कन है, जहां हर कोच एक नई कहानी कहता है। 🚇🔥