Artificial Rain : दिल्ली-एनसीआर में हवा का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोग परेशान हैं। घने कोहरे और धुंध के कारण दिल्ली की स्थिति गंभीर हो गई है। वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली वाले सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, और ऐसा लगता है कि पूरा दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में बदल चुका है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम तक प्रदूषण का आलम है, और वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
मंगलवार सुबह दिल्ली घने कोहरे में डूब गई, और हवा की गुणवत्ता का स्तर 500 तक पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे खराब आंकड़ा है। इस स्थिति को देखते हुए एनसीआर में स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अधिकांश स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर से भी अधिक’ श्रेणी में था और 500 के स्तर तक पहुंच गया।
दिल्ली में होगी Artificial Rain
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अब वो समय आ गया है जब राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) करवाई जाए। इसके लिए उन्होंने अगस्त महीने में ही तैयारियां शुरू कर दी थीं, ताकि जब स्थिति बिगड़े, तो तुरंत इस पर काम किया जा सके। अब सवाल यह है कि क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) क्या है और यह कैसे की जाती है।
क्लाउड सीडिंग क्या है ?
क्लाउड सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कृत्रिम रूप से बारिश कराकर वायु प्रदूषण को कम किया जाता है। दिल्ली सरकार ने पिछले साल, खासकर जब प्रदूषण की स्थिति खराब हो रही थी, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आईआईटी कानपुर की मदद से क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया को एक आपातकालीन उपाय के रूप में लागू करने का विचार किया था। इस दौरान यह पाया गया कि इस तकनीक को लागू करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से पहले अनुमति प्राप्त करना जरूरी होता है।