Gold Price Journey: From 1970 to Present,क्या आपने कभी सोचा है कि आपके दादा-दादी के जमाने में खरीदा गया सोना आज कितने का हो चुका होगा? 1970 में जो सोना कुछ ही रुपयों में मिल जाता था, वह आज लाखों में बिक रहा है। आखिर सोने की कीमतों में ऐसा उछाल क्यों आया? चलिए, इसकी एक दिलचस्प यात्रा पर नजर डालते हैं।
कैसे बढ़ी सोने की कीमतें?
1970 में भारत में 10 ग्राम सोने की औसत कीमत सिर्फ 184 रुपये थी। लेकिन इसके बाद सोने की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ। 1980 तक यह 1,330 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया, यानी सिर्फ 10 साल में 7 गुना बढ़ोतरी! फिर 1990 में इसकी कीमत 3,200 रुपये हो गई और 2000 तक यह 4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा पहुंचा।
2010 तक सोना 18,500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया था, और 2021 में यह 48,720 रुपये तक पहुंच गया। अब 17 मार्च 2025 की बात करें तो भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत करीब 89,843 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यानी 1970 से अब तक सोने की कीमत में 488 गुना का इजाफा हो चुका है!
अगर आपके दादा-दादी ने 1970 में 1,000 रुपये का सोना खरीदा होता, तो आज उसकी कीमत 4.88 लाख रुपये से ज्यादा होती।
सोने की कीमतों में साल दर साल बढ़ोतरी
मांग और आपूर्ति – सोने की मांग हमेशा बनी रहती है, लेकिन इसका उत्पादन सीमित होता है।
मुद्रास्फीति (Inflation) – जब भी महंगाई बढ़ती है, सोने की कीमतें भी ऊपर जाती हैं।
डॉलर की स्थिति – जब डॉलर कमजोर होता है, तब सोना महंगा हो जाता है।
आर्थिक अस्थिरता – जब भी कोई आर्थिक संकट आता है, लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
सरकार की नीतियां – सरकार के टैक्स और आयात शुल्क भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
क्या आने वाले सालों में सोना और महंगा होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें आगे भी बढ़ती रहेंगी। बढ़ती महंगाई, डॉलर की स्थिति और वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए यह तय है कि सोना निवेश के लिहाज से फायदेमंद रहेगा।
अगर 1970 में किसी ने सोना खरीदा होता, तो आज उसकी कीमत हजारों गुना बढ़ चुकी होती। सोने की कीमतों का यह सफर दिखाता है कि यह लंबे समय के लिए सबसे अच्छा निवेश साबित हो सकता है। आने वाले समय में भी सोने की कीमतें बढ़ने की पूरी संभावना है, इसलिए इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।