नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को खास निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को तुरंत पराली जलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसे और हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों को आग रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा. पंजाब सरकार को यह याद दिलाते हुए कहा कि पराली जलाने के खिलाफ लड़ाई राजनीतिक नहीं हो सकती. कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने में इन राज्यों का पर्याप्त योगदान है.
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स्थगित करने के बजाय समाधान निकालने का समय
न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने आग रोकने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव की समग्र निगरानी में संबंधित स्टेशन हाउस अधिकारियों पर डाल दी. अदालत ने कहा, ‘दिल्ली के निवासी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि उन्हें साल दर साल इस समय प्रदूषण की बढ़ती समस्या का कोई समाधान नहीं मिलता दिख रहा है. वर्ष का वह भाग बीत जाता है, और यह अगले वर्ष तक चला जाता है. यह पांच साल से चल रही प्रक्रिया है. ऐसे में अब समय आ गया है कि किसी काम को स्थगित करने के बजाय इसका समाधान कल की तरह ही किया जाए’
बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर प्रकट की गंभीर चिंता
बता दें कि पीठ ने लोगों, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की और कहा, “हम चाहते हैं कि इसे (पराली जलाना) रोका जाए. हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है. लेकिन इसे रोका जाना चाहिए. तुरंत कुछ करना होगा.” न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि वह “सप्ताह के अंत में पंजाब से यात्रा कर रहे थे और सड़क के दोनों किनारों पर बड़े पैमाने पर आग जल रही थी.” हालांकि, पंजाब के स्थायी वकील ने यह कहना चाहा कि पिछले वर्ष की तुलना में राज्य में खेत की आग में 40 प्रतिशत की कमी आई है. लेकिन जस्टिस कौल ने संदेह जताया और वकील से कहा कि यह हमेशा राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती.