1 जुलाई से दिल्ली में 62 लाख गाड़ियों पर लगेगा ब्रेक, बिना PUC नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल!

सरकार का कहना है कि इस फैसले से दिल्ली की सड़कों पर पुराने और धुआं फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे हवा की गुणवत्ता बेहतर होगी और जनता के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

Delhi Fuel Policy

Delhi Fuel Policy : राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार लगातार नए-नए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब एक और कड़ा कदम उठाया गया है। 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। यह प्रतिबंध एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत लागू किया जा रहा है।

गाड़ियों पर कैसे रखी जाएगी नजर?

इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जाएंगे। ये हाई-टेक कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन करके उसकी रजिस्ट्रेशन डिटेल्स से उसकी उम्र की पुष्टि करेंगे। यदि कोई वाहन तय सीमा से पुराना है, तो उसे ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा। नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित वाहन को जब्त किया जा सकता है और मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

वाहन मालिकों के पास क्या हैं विकल्प ?

यह नियम सीधे तौर पर NGT और सुप्रीम कोर्ट के उन पुराने आदेशों से जुड़ा हुआ है जिनमें पुराने वाहनों के संचालन और पार्किंग पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। अब ईंधन आपूर्ति रोकने का निर्णय इस प्रतिबंध को और अधिक प्रभावशाली बनाएगा।

यदि आपकी गाड़ी इस दायरे में आती है, तो आपके पास दो विकल्प मौजूद हैं:

  1. गाड़ी को स्क्रैप कराना – सरकारी स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत आप अपनी पुरानी गाड़ी को अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर में जमा करा सकते हैं, जिसके बदले में सरकार से कुछ प्रोत्साहन (इंसेंटिव) भी मिल सकता है।

  2. गाड़ी को NCR से बाहर ट्रांसफर करना – यदि आप चाहें, तो अपनी गाड़ी को NCR क्षेत्र के बाहर स्थानांतरित कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

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क्या इससे सुधरेगी दिल्ली की हवा?

सरकार का विश्वास है कि यह पहल दिल्ली की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाएगी। पुराने वाहन, जो अक्सर अधिक धुआं और हानिकारक गैसें छोड़ते हैं, सड़कों से हटने पर प्रदूषण स्तर में गिरावट आएगी, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इसलिए, अगर आपकी गाड़ी 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल है, तो अभी से निर्णय लें — चाहे स्क्रैप कराएं, NCR से बाहर ट्रांसफर करें, या फिर BS6 मानक वाले वाहन या इलेक्ट्रिक वाहन में अपग्रेड करें। दिल्ली की हवा साफ़ रखने में यह कदम एक अहम मोड़ साबित हो सकता है — लेकिन इसके लिए नागरिकों की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है।

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