Kumar Vishwas news: दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणाम ने आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी हार का सामना कराया, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 27 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी का अवसर मिला। इस चुनावी परिणाम पर कई राजनैतिक प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें अरविंद केजरीवाल के पुराने साथी और हिंदी कवि डॉ. कुमार विश्वास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। कुमार विश्वास ने भाजपा को बधाई देते हुए केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा और उनके नेतृत्व में पार्टी के पतन की कड़ी आलोचना की।
Kumar Vishwas ने अपने बयान में कहा कि उन्हें अरविंद केजरीवाल से कोई सहानुभूति नहीं है, क्योंकि उनके नेतृत्व में लाखों अन्ना आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं के सपने चूर-चूर हो गए। कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए AAP के कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया और उन्हें धोखा दिया।
"मनीष सिसोदिया की हार की खबर सुनते ही मेरी पत्नी रो पड़ी"
दिल्ली में AAP की हार पर बोले कुमार विश्वास
"वे सब जो लाखों करोड़ों कार्यकर्ता जो अन्ना आंदोलन से आए जिनके बहुत ही निष्छल, निष्पाप औऱ भारत को बदलने के सपने की हत्या एक निर्लज्ज, नीच, मित्र हंता, आत्ममुग्ध और चरित्रहीन… pic.twitter.com/rjsRXhC60b
— News1India (@News1IndiaTweet) February 8, 2025
उन्होंने अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए कहा, “जब मनीष सिसोदिया के जंगपुरा से हारने की खबर आई, तो मेरी पत्नी रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि ‘ताकत हमेशा नहीं रहती,’ और फिर कहा कि ‘मैं उन्हें गीता भेजूंगा’।” कुमार विश्वास ने स्पष्ट किया कि यह हार उनके लिए व्यक्तिगत दुख का कारण नहीं है, बल्कि यह न्याय की जीत है।
Kumar Vishwas ने कहा, “दिल्ली अब उस आदमी से आज़ाद हो गई है जिसने अन्ना आंदोलन के वक्त लाखों कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचला और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए उनका इस्तेमाल किया। मुझे खुशी है कि अब न्याय हुआ है।”
Delhi Chunav Parinam : PM मोदी के इस दांव से ढहा APP का किला, BJP की ‘अजेय’ बढ़त के बीच संकट में Arvind Kejriwal
वहीं, Kumar Vishwas ने AAP कार्यकर्ताओं से भी अपील की, “आपने जिस किसी भी लालच में आकर उस व्यक्ति का समर्थन किया, जिसने अपने मित्रों, अपने गुरु और पार्टी के कई नेताओं को धोखा दिया, अब उससे उम्मीदें छोड़ दें।”
कुमार विश्वास ने दिल्ली के नागरिकों को अच्छे शासन की उम्मीद जताई और बीजेपी सरकार से अपेक्षाएँ व्यक्त की कि वह पिछले 10 वर्षों में हुए नुकसान की भरपाई करेगी। बीजेपी को 47 सीटों के साथ दिल्ली विधानसभा में बहुमत मिला, जबकि AAP केवल 23 सीटों पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस को इस बार भी सफलता नहीं मिली।