Old Delhi Markets : हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने व्यापारियों के एक समारोह में कहा कि चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे पुराने और भीड़भाड़ वाले बाजारों को किसी नई जगह स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इस टिप्पणी के बाद से पुरानी दिल्ली के व्यापारिक क्षेत्रों में खासा चर्चा और चिंता का माहौल बन गया है। कई व्यापारी भ्रमित हैं, तो कुछ इसे अवसर के रूप में देख रहे हैं और चीन व दुबई की तर्ज पर आधुनिक व्यापारिक हब की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली के प्रमुख व्यापारी संगठन ‘चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री’ (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों व्यापारियों ने इस मुद्दे को लेकर संपर्क साधा है। उन्होंने चांदनी चौक, सदर बाजार व अन्य क्षेत्रों के व्यापारियों के बीच एक सर्वेक्षण भी कराया, जिसमें कुल 1198 व्यापारियों ने भाग लिया। इस सर्वे में 88% यानी 1055 व्यापारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपने बाजारों को किसी नई जगह स्थानांतरित नहीं करना चाहते। उनका मानना है कि मौजूदा स्थान पर ही बुनियादी सुविधाओं के साथ इन बाजारों का पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए।
सबसे बड़ी पार्किंग की समस्या
CTI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और उपाध्यक्ष राहुल अदलखा का कहना है कि व्यापारियों की सबसे प्रमुख मांग मल्टी-लेवल पार्किंग की सुविधा की है। साथ ही वे चाहते हैं कि अवैध रेहड़ी-पटरी और अतिक्रमण को हटाया जाए, जिससे बाजारों में यातायात और संचालन आसान हो सके। उनका मानना है कि यदि ये दो समस्याएं हल हो जाएं, तो बाजार का 50% बोझ स्वतः ही कम हो जाएगा।
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बृजेश गोयल ने यह भी रेखांकित किया कि इस तरह के बाजार स्थानांतरण के पुराने अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, जब चावड़ी बाजार के पेपर मार्केट और खारी बावली के केमिकल मार्केट को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था, तब नई जगह पर मूलभूत सुविधाएं आज तक नहीं मिल पाईं, जिसके कारण ये बाजार आज भी यथास्थान ही संचालित हो रहे हैं।
DDA की निष्क्रियता पर उठे सवाल
CTI का मानना है कि इस स्थिति के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) जिम्मेदार है। 1962 के मास्टर प्लान में चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे क्षेत्रों को ‘स्पेशल एरिया’ घोषित करते हुए पुनर्विकास की योजना बनाई गई थी। लेकिन पिछले पाँच दशकों में इन योजनाओं पर कोई ठोस अमल नहीं हुआ और बाजार केवल अनियोजित ढंग से फैलते चले गए।
ऐतिहासिक बाजारों को संरक्षित करने की मांग
बृजेश गोयल ने कहा कि चांदनी चौक और सदर बाजार न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ऐतिहासिक बाजार हैं। यहां रोज़ाना हजारों की संख्या में देशी-विदेशी ग्राहक खरीदारी के लिए आते हैं। ऐसे में इन बाजारों को स्थानांतरित करने के बजाय यहीं पर आधुनिक सुविधाएं देकर, योजनाबद्ध ढंग से पुनर्विकसित करना ही सही विकल्प होगा।