Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। इस नए नियम के तहत, निर्धारित समय सीमा से अधिक पुराने वाहनों को न तो दिल्ली की सड़कों पर चलने दिया जाएगा और न ही उन्हें किसी ईंधन स्टेशन से पेट्रोल, डीजल या सीएनजी भरवाने की अनुमति दी जाएगी। नियम लागू होने के पहले ही दिन ट्रैफिक पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए करीब 80 पुराने वाहनों को जब्त कर लिया, जबकि कई वाहन मालिकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए वाहनों में 67 दोपहिया वाहन, 12 कारें और 1 ऑटो रिक्शा शामिल हैं। यह कार्रवाई उन वाहनों पर की गई जो नए नियम के अनुसार ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ की श्रेणी में आते हैं।
क्या है दिल्ली की नई फ्यूल पॉलिसी?
दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई नई फ्यूल पॉलिसी के अनुसार, 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों तथा 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को अब “एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) व्हीकल” माना जाएगा। ऐसे वाहनों को अब दिल्ली के किसी भी फ्यूल स्टेशन पर ईंधन नहीं मिलेगा।
कैसे होगी पूराने वाहनों की पहचान?
पुराने वाहनों की पहचान के लिए सरकार ने राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) सिस्टम लगाने का फैसला किया है। यह तकनीक वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उनके रजिस्ट्रेशन की उम्र का पता लगाएगी। यदि कोई वाहन तय सीमा से पुराना पाया गया, तो फ्यूल स्टेशन के कर्मचारी उसे ईंधन देने से इनकार कर देंगे।
यह भी पढ़ें : छोटी सी किराने की दुकान से 70 लाख का मुनाफा! सोशल मीडिया…
क्या हैं सरकार की तैयारियां ?
इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी फ्यूल स्टेशन ऑपरेटरों को SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की है। इसके तहत:
-
सभी पेट्रोल पंपों पर बड़े सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं,
-
कर्मचारियों को पुराने वाहनों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया गया है,
-
जिन वाहनों को ईंधन नहीं दिया गया, उनका रिकॉर्ड एक लॉगबुक में दर्ज किया जाएगा।
इस नई नीति का मकसद दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाना है, लेकिन पहले ही दिन लोगों को इससे भारी असुविधा और चिंता का सामना करना पड़ा है।