Rekha Gupta Delhi CM: आखिरकार 10 दिनों के इंतजार के बाद दिल्ली को उसका नया मुख्यमंत्री मिल गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। आज शाम 7 बजे हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रविशंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ मौजूद थे। भाजपा नेतृत्व ने रेखा गुप्ता को दिल्ली की बागडोर सौंपने का फैसला कर यह संकेत दिया है कि पार्टी अब महिला नेतृत्व को मजबूत करना चाहती है। रेखा गुप्ता की यह नियुक्ति दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगी। शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
Rekha Gupta का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता एक बैंक मैनेजर थे, जिनकी नौकरी के कारण उनका परिवार जल्द ही दिल्ली आकर बस गया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के सरकारी स्कूल से पूरी की और फिर दौलत राम कॉलेज से स्नातक किया। छात्र जीवन से ही उनकी रुचि राजनीति में थी, और इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गईं। उनका नेतृत्व कौशल 1996-97 में तब सामने आया जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं। यह जीत उनके लिए राजनीतिक करियर की पहली बड़ी सीढ़ी साबित हुई।
स्थानीय राजनीति से लेकर मुख्यमंत्री पद तक का सफर
Rekha Gupta ने 2007 में दिल्ली नगर निगम (MCD) के उत्तरी पितामपुरा वार्ड से पार्षद का चुनाव जीता। इसके बाद 2012 में वे फिर से पार्षद चुनी गईं और भाजपा की दिल्ली इकाई में अपना प्रभाव बढ़ाने लगीं। उन्होंने महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, दिल्ली भाजपा महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। 2022 में भाजपा ने उन्हें दिल्ली के मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया, हालांकि वह इस पद पर नहीं पहुंच पाईं। लेकिन संगठन में उनकी पकड़ और जनता से उनका जुड़ाव लगातार मजबूत होता गया।
ऐतिहासिक विधानसभा जीत और मुख्यमंत्री पद तक का सफर
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें शालीमार बाग से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की तीन बार की विधायक वंदना कुमारी को 29,595 वोटों के अंतर से हराया। यह जीत भाजपा के लिए बड़ी राहत लेकर आई क्योंकि यह सीट पिछले 15 वर्षों से AAP के कब्जे में थी। रेखा गुप्ता की जीत के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम सामने आए, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा नेतृत्व ने सर्वसम्मति से उन्हें चुना।
मुख्यमंत्री बनने के पीछे की रणनीति
भाजपा के इस फैसले के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। पहला, दिल्ली में महिला मतदाता बड़ी संख्या में हैं और भाजपा ने उन्हें लुभाने के लिए महिला मुख्यमंत्री की नियुक्ति की है। दूसरा, रेखा गुप्ता का ABVP और RSS से गहरा जुड़ाव है, जिससे संगठन को मजबूती मिलेगी। तीसरा, वे वैश्य समुदाय से आती हैं, जो दिल्ली में भाजपा का मजबूत वोट बैंक है।
रेखा गुप्ता की प्राथमिकताएं
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता ने कहा, “दिल्ली की जनता ने हम पर भरोसा जताया है और मैं उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगी। हमारी सरकार प्रदूषण नियंत्रण, महिला सुरक्षा और बेहतर बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देगी।”
उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं:
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान
- यमुना नदी को साफ करने की योजना
- सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार
- भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन
भव्य शपथ ग्रहण समारोह
20 फरवरी को रामलीला मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई गणमान्य नेता शामिल होंगे। लगभग 50,000 लोगों के इस समारोह में भाग लेने की संभावना है।
Rekha Gupta की नियुक्ति भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम है। उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय कर यह साबित किया है कि कड़ी मेहनत और संगठनात्मक क्षमता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी नेतृत्व क्षमता, संगठन पर पकड़ और जनता से जुड़ाव उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक नया सितारा बना सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती हैं।