Supreme Court : दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा तक की सभी शैक्षणिक गतिविधियों (educational activities) को ऑनलाइन मोड में संचालित करने का आदेश दिया है। यह निर्णय प्रदूषण के खतरनाक स्तर और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAयाP) के स्तर-4 के तहत सख्त उपायों को लागू करने की आवश्यकता के मद्देनजर लि गया है।
प्रदूषण के मद्देनजर अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि GRAP-4 के सभी प्रावधान तब तक लागू रहेंगे, जब तक प्रदूषण के स्तर में स्थायी सुधार नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि भले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से नीचे आ जाए, GRAP-4 के उपायों को अगले आदेश तक जारी रखा जाएगा।
ऑनलाइन क्लासेज
दिल्ली सरकार ने पहले ही 10वीं और 12वीं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, अब 10वीं और 12वीं की कक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में शिफ्ट की जाएंगी। यह कदम छात्रों और शिक्षकों को प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए उठाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार को GRAP-4 के तहत आवश्यक शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने अधिकारियों को प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों से गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसमें GRAP-4 के तहत उठाए गए कदमों और उनके प्रभाव का विस्तृत विवरण शामिल होगा।
प्रदूषण से राहत के लिए सख्त कदम
कोर्ट ने प्रदूषण के समाधान के लिए केंद्र और राज्यों को सख्ती बरतने का निर्देश देते हुए सभी संबंधित विभागों को टीम गठित कर निगरानी बढ़ाने की बात कही है। यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और जनता की स्वास्थ्य रक्षा के उद्देश्य से लिया गया है।
यह निर्णय दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर लिया गया है, जो लंबे समय से नागरिकों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रही है।