ग्रेटर नोएडा में चुपचाप ड्रग्स की सप्लाई हो रही है और किसी को कानों कान खबर तक नहीं है। पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा के 2 घरों में नाइजीरियाई के लोग ड्रग्स की गैरकानूनी फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस जांच के दौरान पता चला है कि कपड़ो में मैथ ड्रग्स को छुपा कर कोलकाता के बंदरगाह और मुंबई ट्रांसफर किया जाता था। उसके बाद वहां से ड्रग्स को अफ्रीका और यूरोप भेजा जाता था। पुलिस ने जब छापा मारा तो 75 किलोग्राम ड्रग्स मिले है जिसकी वेल्यु इंडिया में लगभग 350 करोड़ हैं।
टीओआई की आई रिपोर्ट
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अभी भी पूरे मामले की जांच कर रही है। हर उस शक्स का पता लगाया जा रहा है कि इस ड्रग्स के पूरे मामले में कौन-कौन शामिल हैं। जिसके जरिए ड्रग्स बंदरगाहों तक पहुंचाया जा रहा था। पुलिस ने इस केस में 13 संदेहजनक व्यकितयों को ग्रेटर नोएडा से 30 हिरासत में लिया है। इनमें से कुछ सेनेगल और ज्यादातर नाइजीरिया लोग हैं।
इन जगहों पर होती है सप्लाई
ड्रग्स को कपड़ो के गठ्ठर में छिपाकर भेजा जाता था ताकि उड़ता परिंदा भी ना जान सके। इन कपड़ो को दिल्ली में सिलाई की जाती थी। ड्रग्स को बंदरगाह पहुंचते ही इसे एशिया, यूरोप और अफ्रीका भेजा जाता है। पुलिस के मुताबिक इस सौदागरी में बड़े साठगाठ की सहायता से मार्गप्रदर्शन किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि सप्लाई में गैंग की ओर भी बड़ी रकम का लेन-देन हो रहा हो।
निजी वाहनों से होती थी तस्करी
मिली रिपोर्ट के अनुसार, घर में ही नशीले पदार्थ बनाए जा रहे थे। तैयार होने के बाद इसको दिल्ली भेज दिया जाता था। ऐसा अनुमान है कि ड्रग्स को भेजने के लिए पर्सनल कार, बाइक और टैक्सी का प्रयोग किया जाता है। हालांकि पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची हैं।