ED Raid in Jharkhand:प्रवर्तन निदेशालय (ED) लोकसभा चुनावों के दौरान काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, ED ने सोमवार (6 मई 2024) को झारखंड की राजधानी रांची में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर लगभग छह स्थानों पर छापेमारी की। ED की कार्रवाई निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके करीबियों के स्थानों पर की जा रही है, सूत्र बताते हैं।
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के घरेलू नौकर के घर से ED को छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश मिला है। ED की टीम सेल सिटी सहित कई स्थानों पर पहुंची है। चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को टेंडर कमीशन घोटाले में निलंबित किया गया है।
मंत्री के पीएस के कर्मचारी के यहां से भारी कैश बरामद
ANI ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय रांची में कई जगह छापेमारी कर रहा है। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर ने वीरेंद्र राम मामले में भारी मात्रा में नकदी बरामद की है। फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के. राम को ED ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
#WATCH | The Enforcement Directorate is conducting raids at multiple locations in Ranchi. Huge amount of cash recovered from household help of Sanjiv Lal – PS to Jharkhand Rural Development minister Alamgir Alam, in Virendra Ram case.
ED arrested Virendra K. Ram, the chief… pic.twitter.com/VTpUKBOPE7
— ANI (@ANI) May 6, 2024
पिछले वर्ष गिरफ्तारी
22 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम को प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर में कमीशन घोटाले का आरोप लगाया। 21 फरवरी को ED ने वीरेंद्र के 24 स्थानों पर छापेमारी की थी। ED को छापेमारी के दौरान लगभग डेढ़ करोड़ के जेवरात सहित देश भर में करोड़ों रुपये के निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले। चार्जशीट में वीरेंद्र के अलावा टेंडर मैनेज कर अवैध रुप से पैसे कमाने वाले लोगों की भी सूचना है। साथ ही भूमिका और हिस्सा भी बताया गया है।
ईडी पूछताछ में क्या जानकारी दी गई?
दरअसल, वीरेंद्र राम ने ED के सामने खुद स्वीकार किया कि उसने IR में सभी गलत जानकारी दी थी। उसके खाते में 2014-15 और 2018-19 में 9.30 करोड़ रुपये और दिसंबर 22 से जनवरी 2023 तक 4.50 करोड़ रुपये की कमाई है। ईडी की जांच में पता चला कि 2019 के बाद से वीरेंद्र राम और उसके चचेरे भाई आलोक रंजन एक साथ कई बार दिल्ली गए हैं। साथ ही, वे हर बार बड़ी राशि ले जाते थे, जो सीए मुकेश मित्तल को दी जाती थी।