CBSE new rules:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक अहम फैसला लेते हुए स्कूलों को कक्षा में अधिकतम 45 छात्रों तक दाखिला देने की इजाजत दे दी है। अभी तक एक सेक्शन में 40 छात्रों की सीमा थी, लेकिन अब कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे 45 तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में 45 से ज्यादा छात्रों को एक ही सेक्शन में पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
किन परिस्थितियों में मिलेगी ये छूट?
CBSE ने यह फैसला उन बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया है, जिन्हें बीच सत्र में स्कूल बदलना पड़ता है। खासतौर पर वे बच्चे, जिनके माता-पिता सेना, केंद्र सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या निजी कंपनियों में काम करते हैं और उन्हें अचानक ट्रांसफर मिल जाता है।
इसके अलावा कुछ और खास परिस्थितियों में भी ये छूट मिल सकती है, जैसे
आवश्यक दोहराव (जब बच्चा उसी कक्षा में दोबारा पढ़े)
गंभीर बीमारी या स्वास्थ्य कारणों से
हॉस्टल से घर वापस लौटने के कारण
पढ़ाई में सुधार के लिए स्कूल बदलने की जरूरत
क्या हैं शर्तें?
CBSE ने कहा है कि अगर किसी कक्षा में 45 छात्रों को दाखिला दिया जा रहा है, तो उस कक्षा का क्षेत्रफल कम से कम 500 वर्ग फुट होना चाहिए। साथ ही, हर छात्र को कम से कम एक वर्ग मीटर की जगह मिलनी चाहिए, ताकि पढ़ाई का माहौल ठीक बना रहे। स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी दाखिलों की जानकारी दाखिला और निकासी रजिस्टर में दर्ज की जाए और इसे CBSE के पोर्टल और OASIS पोर्टल पर भी अपडेट करना जरूरी होगा।
भविष्य की योजना
बोर्ड ने स्कूलों को सुझाव दिया है कि वे अपने भवन और कक्षाओं की व्यवस्था को बेहतर बनाएं, ताकि आने वाले वर्षों में छात्रों की संख्या को फिर से 40 तक सीमित किया जा सके।CBSE का मानना है कि कम छात्रों के साथ पढ़ाई का स्तर बेहतर होता है और बच्चों को सीखने का अच्छा माहौल मिल पाता है।