प्रतापगढ़ : कुंडा में सपा प्रत्याशी गुलशन यादव के काफिले पर जानलेवा हमला

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ की पट्‌टी सीट पर सपा जिला पंचायत सदस्य पवन सरोज पर भी हमला हुआ है। वहीं, सपा ने कुंडा में चुनाव आयोग से 8 से 10 बूथ कैप्चरिंग की शिकायत की है। इससे पहले राजा भैया ने वोट डालने के बाद कहा था कि वह अखिलेश को सीएम नहीं बनने देंगे। सपा ने ट्वीटर पर जवाब देते हुए कहा- सुनो गुंडे, जनता कुंडी में बंद करने को तैयार है। उधर, यूपी के 11 जिलों की 61 सीटों पर 11 बजे तक 21.39% वोटिंग हुई।

प्रतापगढ़ के कुंडा में बड़ा बवाल हो गया। यहां सपा प्रत्याशी गुलशन यादव के काफिले पर जानलेवा हमला हुआ है। गुलशन राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। फायरिंग भी हुई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए हैं। गुलशन ने बताया कि पहाड़पुर में राजा भैया के समर्थकों ने फायरिंग की। फिर गाड़ियों में तोड़फोड़ की। मुझे जाने से मारने की कोशिश की गई है। भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद पहुंच गया है।

राष्ट्र भक्ति और परिवार भक्ति में फर्क- मोदी

चुनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी बस्ती में रैली करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भक्ति और परिवार भक्ति में फर्क होता है। हमारी सरकार बिना किसी भेदभाव के गरीब को छत देती है। लेकिन घोर परिवारवादियों के लिए उनका विकास, परिवार का विकास ही अहम है। इसलिए आपको एकजुट को NDA को जिताना है।

सपा ने 8 से 10 बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुंडा थाना क्षेत्र में पहाड़पुर गांव है। वहां पर एक प्रत्याशी पर हमले की सूचना मिली है। प्रत्याशी की गाड़ी पर पत्थर फेंके गए हैं। उनके द्वारा तहरीर दी गई है। FIR दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। बूथ पूरी तरह से सामान्य है। वहां चुनाव हो रहा है। घटना बूथ से बहुत पहले हुई है। वहीं, माइक्रो ऑब्जर्वर ने हमले की बात से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि पता नहीं किस ने गाड़ी तोड़ दी है।

फिलहाल, इस घटना के बाद कुंडा में तनाव बढ़ गया है। इससे पहले सपा ने 8 से 10 बूथ की कैप्चरिंग करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है। वहीं, राजा भैया के जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं ने भी सपा द्वारा एक बूथ पर कैप्चरिंग का आरोप लगाया है।

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2017 में इन 61 में से भाजपा ने 50 सीटें जीती थीं

61 सीटों पर 48 सीटिंग विधायक चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 में इन 61 में से भाजपा ने 50 सीटें जीती थीं। सपा ने 5, बसपा ने 3, कांग्रेस ने एक और दो सीट निर्दलीयों ने जीती थी। यानी इन सीटों पर जिसे जनता ने आशीर्वाद दिया वह लखनऊ की कुर्सी तक पहुंचा है।

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