सीएम योगी ने 1.86 करोड़ लोगों को दिया दिवाली का तोहफा, फतेहपुर-झांसी में होगी दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को यूपी कैबिनेट की मीटिंग हुई। इस मौके पर 22 प्रस्ताव पेश किए गए और सभी पर मुहर भी लग गई।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को यूपी कैबिनेट की मीटिंग हुई। इस मौके पर 22 प्रस्ताव पेश किए गए और सभी पर मुहर भी लग गई। बैठक में तय हुआ कि उज्ज्वला योजना के तहत दो सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। इससे 1.86 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इसके तहत पहला सिलेंडर दिवाली में दिया जाएगा। कैबिनेट ने फतेहपुर और झांसी में दो निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान यूपी सेमी कंडक्टर नीति के तहत फॉक्सकॉन को स्थान परिवर्तन की मंजूरी दी गई। जिला खनिज न्यास नियमावली को भी मंजूरी मिल गई है। 70 प्रतिशत निधि पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य आदि में खर्च होगी। जबकि 30 फीसदी बुनियादी विकास, शिक्षा आदि में खर्च होगा। इसके अलावा भूतत्व और खनिकर्म के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। वस्त्र नीति 2017 के तहत एक टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क योजना को मंजूरी दी गई है। पीपीपी मॉडल पर 50 एकड़ जमीन पर बनेगा। एक पार्क में 1500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

कैबिनेट ने जिला पर्यटन अधिकारी के 50 फीसदी पद लोक सेवा आयोग से भरे जानें पर भी मुहर नगा दी है। पर्यटन विभाग की ओर से पिछले दिनों अपने यहां विभिन्न पदों का पुर्नगठन व नए पदों का सृजन किया गया था। इसके तहत हर जिले में जिला पर्यटन अधिकारी की तैनाती करने का निर्णय हुआ था। इसी क्रम में कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पर्यटन सेवा नियमावली 2025 को शुक्रवार को हरी झंडी दे दी है। इसके अुनसार जिला पर्यटन अधिकारी के 50 फीसदी पद लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। जबकि, 50 फीसदी पद मौलिक रूप से नियुक्त अपर जिला पर्यटन अधिकारियों में से पदोन्नति से भरे जाएंगे।

पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन सेवा संवर्ग में अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, सहायक निदेशक पर्यटन व जिला पर्यटन अधिकारी के पदों पर भर्ती-पदोन्नति की जाएगी। इसी क्रम में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी-सहायक निदेशक पर्यटन पद पर 90 फीसदी मौलिक रूप से नियुक्त जिला पर्यटन अधिकारियों में विभागीय चयन समिति पदोन्नति से होगी। जिन्होंने पांच साल की सेवा पूरी कर ली है। वहीं 10 फीसदी पद नियुक्त प्रकाशन अधिकारियों में से पदोन्नति से होगा। जिन्होंने 12 साल की सेवा पूरी कर ली हो। नियमावली में सभी पदों के लिए अर्हता, वेतनमान आदि भी तय किया है।

प्रदेश सरकार ने राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2024 के तहत वामासुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड की प्रस्तावित सेमीकंडक्टर परियोजना ‘फॉक्सकान’ को लेकर संशोधित लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस परियोजना में लगभग 3706.12 करोड़ रुपये का निवेश होगा। भविष्य मे समूह अपना निवेश बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक करेगा। इस संबंध में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील शर्मा ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की ओर से फॉक्सकान को आवंटित परियोजना स्थल में बदलाव किया गया है।

राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव में यह कहा गया है कि अतिरिक्त वित्तीय भार, जिसमें स्टांप और निबंधन शुल्क में संभावित 100 प्रतिशत वृद्धि और भूमि लागत में हुई वृद्धि शामिल है, इसे ध्यान में रखते हुए निवेशक को 75 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। बढ़ी हुई दरों की वजह से निवेशक पर करीब 124 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आ गया था। इसमें 75 फीसदी राशि सब्सिडी के रूप में दी गई है जबकि शेष 25 फीसदी का भार यीडा उठाएगा। इसी के अनुरूप 7 नवंबर 2024 को जारी शासनादेश और 19 नवंबर 2024 को जारी लेटर ऑफ कंफर्ट मंत्रिपरिषद के अनुमोदन से संशोधित किया जाएगा।

कैबिनेट ने वर्ष 2024-25 में पीडब्ल्यूडी के 156 अरब 30 करोड़ 6 लाख रुपये की पूर्व में जारी स्वीकृति को मंजूरी दे दी गई है। नियमानुसार कैबिनेट की स्वीकृति के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पर्यावरण (राजपत्रित) सेवा नियमावली, 1995 में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। निदेशालय में सहायक निदेशक के 6 पद हैं, जबकि उप निदेशक के 4 पद हैं। अभी तक की व्यवस्था में उप निदेशक के आधे पद प्रमोशन से और आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान था। संशोधित नियमावली के अनुसार, अब उप निदेशक (डीडी) के सभी पद प्रमोशन से ही भरे जाएंगे।

कैबिनेट ने उप्र जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली- 2025 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से खनन प्रभावित क्षेत्र और प्रभावित व्यक्तियों के चिह्नांकन में स्पष्टता आएगी और जिला न्यास की रकम का 70 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल आपूर्ति पर खर्च किया जाएगा। वहीं 30 प्रतिशत रकम भौतिक संरचना, सिंचाई और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर खर्च की जाएगी। खनन विभाग के मुताबिक अब तक जिला खनिज फाउंडेशन न्याय की नियमावली में खनन से प्रभावित क्षेत्र और प्रभावित व्यक्तियों के चिह्नांकन में स्पष्टता नहीं थी। कैबिनेट द्वारा नियमावली में संशोधन के बाद यह स्पष्ट हो गई है।

आकांक्षी ब्लॉकों और आकांक्षात्मक जिलों के विकास के लिए पंचवर्षीय और सालाना कार्ययोजना बनाई जाएगी। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में निगरानी समिति बनेगी, जबकि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निगरानी समिति काम करेगी। कैबिनेट ने नदी की तलछटी से निकलने वाले और चट्टान किस्म के उपखनिजों की ई-निविदा और ई-नीलामी अब एमएसटीसी लिमिटेड को प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाने के लिए नोडल बनाने को मंजूरी दी है। एमएसटीसी लिमिटेड केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय के नियंत्रण में आने वाली श्रेणी एक की मिनी रत्न कंपनी है। खनन पट्टे आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए यह करार किया गया है।

कैबिनेट ने छात्रवृत्ति से छूटे छात्रों के लिए दोबारा पोर्टल खोलने के लिए मंजूरी दे दी है। इस फैसले से कुल 4 लाख 88 हजार 544 छात्र लाभांवित होंगे। इनमें सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक छात्र हैं। इसके लिए 647.38 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2024-25 में शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, एफिलिएटिंग एजेंसी और जिलास्तरीय अधिकारियों के स्तर पर मास्टर डाटा समय से लॉक नहीं किया गया। इसके अलावा शिक्षण संस्थान स्तर पर आवेदन लंबित रहने, डीएलएड आदि पाठ्यक्रमों का परीक्षाफल देर से घोषित किए जाने, ट्रांजेक्शन फेल होने और बजट के अभाव में सभी वर्गों के काफी छात्रों को भुगतान नहीं हो पाया था। इन छात्रों में अनुसूचित जाति के 1 लाख, अनुसूचित जनजाति के 662, अन्य पिछड़ा वर्ग के 1 लाख 35 हजार और अल्पसंख्यक समुदाय के 2 लाख 52 हजार 882 छात्र शामिल हैं।

रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाली संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। प्रत्येक पार्क के लिए 50 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी, जिससे प्रति पार्क 1500 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह योजना टेक्सटाइल उद्योग को मजबूत बनाएगी। भारत सरकार ने वस्त्र उद्योग को प्रोत्साहित करने और निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वस्त्र उद्योग को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा गया है कि यह क्षेत्र औद्योगिक विकास, निर्यात वृद्धि और रोजगार सृजन में अहम योगदान करता है। वर्तमान में वस्त्र उद्योग में 45 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।

विकसित भारत की परिकल्पना के तहत वर्ष 2030 तक 26.61 लाख करोड़ रुपये का कुल व्यापार लक्ष्य तय किया है। इसमें 80.46 लाख करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य शामिल है। उत्तर प्रदेश वस्त्र निर्यात में 10 फीसदी का योगदान करता है। वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 और 2017 में वस्त्र नीतियां लागू की गई थीं। वस्त्र नीति-2017 के तहत राज्य सरकार को 2,000 करोड़ रुपये के 219 निवेश प्रस्ताव मिले, जिसमें से 80 प्रस्तावों का क्रियान्वयन कर 2,100 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। वहीं, वस्त्र नीति-2022 के तहत अब तक 6,000 करोड़ रुपये के 225 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो पिछली नीति के मुकाबले तीन गुना अधिक है।

उत्तर प्रदेश में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को हरी झंडी दे दी गई है। इसके तहत दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। जबकि, एक बन चुके विश्वविद्यालय के संचालन को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि संभल के चंदौसी में राधा गोविंद विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी। सोनल एजुकेशनल सोसाइटी मथुरा द्वारा प्रायोजित यह विश्वविद्यालय 22.05 एकड़ भूमि पर बना है। आज इसके संचालन के लिए कैबिनेट ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में झांसी में गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रायोजक संस्था संत मां कर्मा मानव संवर्द्धन ट्रस्ट को आशय-पत्र जारी करने की भी स्वीकृति दी गई है।

मंत्री ने बताया कि यह विश्वविद्यालय झांसी के अम्बाबाय और रुद्र करारी में 20.21 एकड़ भूमि पर बनेगा। वहीं तीसरे प्रस्ताव के तहत फतेहपुर में ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रायोजक संस्था एंग्लो संस्कृत कॉलेज को आशय-पत्र जारी करने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। उन्होंने बताया कि यह विश्वविद्यालय फतेहपुर दक्षिणी में 20.45 एकड़ भूमि पर बनना प्रस्तावित है। योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करने के बाद विश्वविद्यालयों का संचालन शुरू किया जाएगा।

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