Amitabh Bachchan Don Movie Story: बॉलीवुड में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो न सिर्फ लोगों का दिल जीत लेती हैं बल्कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपनी खास जगह भी बना लेती हैं। ऐसी ही एक फिल्म थी ‘डॉन’, जिसे शुरुआत में किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। कई बड़े कलाकारों ने इसकी स्क्रिप्ट को पढ़ने के बाद रिजेक्ट कर दिया, क्योंकि उन्हें ये कहानी ज्यादा खास नहीं लगी। यहां तक कि इसके लेखक भी इस स्क्रिप्ट को लेकर उम्मीद छोड़ चुके थे।
जब अमिताभ बच्चन ने दिखाई रुचि
हालात तब बदले जब ये स्क्रिप्ट अमिताभ बच्चन के पास पहुंची। उन्होंने इसे पढ़ते ही फिल्म करने की हामी भर दी। इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास बन गया। फिल्म ना सिर्फ जबरदस्त हिट हुई बल्कि एक डूबते प्रोड्यूसर को बर्बादी से बचा लिया।
नरीमन ईरानी की मुसीबतें और ‘डॉन’ की शुरुआत
ये कहानी 1970 के दशक की है। नरीमन ईरानी, एक फिल्म प्रोड्यूसर, अपनी पिछली फिल्म ‘जिंदगी जिंदगी’ के फ्लॉप होने के बाद भारी कर्ज में डूब चुके थे। करीब 12 लाख रुपये का कर्ज उनके सिर पर था, जो उस वक्त बहुत बड़ी रकम थी। किसी ने उन्हें सलाह दी कि वो एक और फिल्म बनाएं जिससे वो इस संकट से निकल सकें। इसी दौरान उन्हें सलीम-जावेद की लिखी स्क्रिप्ट ‘डॉन’ मिली।
सबने मना किया, लेकिन बनी मास्टरपीस
इस स्क्रिप्ट को पहले जीतेंद्र, देव आनंद और प्रकाश मेहरा जैसे बड़े सितारों को ऑफर किया गया, लेकिन किसी ने इसे करना सही नहीं समझा। सलीम-जावेद को भी लगने लगा कि इस स्क्रिप्ट पर फिल्म बनना मुश्किल है। लेकिन डायरेक्टर चंद्रा बारोट और नरीमन ईरानी को ये कहानी पसंद आई और उन्होंने इस पर फिल्म बनाने की ठानी।
जब डॉन ने इतिहास रचा
1978 में रिलीज हुई ‘डॉन’ में अमिताभ बच्चन ने दो किरदार निभाए एक गैंगस्टर और दूसरा उसका हमशक्ल। फिल्म में जीनत अमान और प्राण भी अहम रोल में थे। फिल्म की कहानी, डायलॉग और अभिनय ने इसे सुपरहिट बना दिया। सिर्फ 70 लाख की लागत से बनी ये फिल्म 7 करोड़ रुपये का बिजनेस करके ब्लॉकबस्टर बन गई।
डॉन की सफलता ने बदल दी किस्मत
इस फिल्म की कामयाबी ने नरीमन ईरानी को कर्ज से बाहर निकाला और अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में एक नई पहचान दिलाई। सालों बाद शाहरुख खान ने इसका रीमेक भी बनाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।