नई दिल्ली: 26 सितंबर साल 1923 में शकरगढ़ तहसील (Shakargarh Tehsil,अब पाकिस्तान) में एक ऐसी शख्सियत ने जन्म लिया था, जिसने बॉलीवुड को नए आयामों तक पहुंचाया। जी हां हम एक ऐसे बॉलीवुड सुपरस्टार की बात कर रहे हैं, जिसका स्टारडम इतना भारी था कि जिसकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां छत से कूद जाया करती थी।

वो सुपरस्टार कोई और नहीं दे ग्रेट देव आनंद (Dev Anand) साहब थे। सिनेमा जगत के इस उम्दा अभिनेता का आज जन्मदिन है, उनके जन्मदिन पर आज जानेंगे उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में।

देव साहब हिंदी सिनेमा के ऐसे सितारे थे, जो अपने अलग अंदाज और अपनी कमाल की एक्टिंग के चलते न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में फेमस थे। उनका जिक्र होते ही उनका चेहरा और उनके कई रोमांटिक नगमों का एक खूबसूरत सा एहसास होने लगता है।

देव आनंद अपने समय के सबसे बड़े सुपरस्टार थे। वह अपने शानदार अभिनय के लिए तो जानें ही जाते थे लेकिन एक और बात थी, जो उन्हें सबसे अलग करती थी और वो था उनका लुक। जी हां वह अपने शानदार लुक के चलते उस समय सुर्खियों में रहते थे।
कोर्ट ने देव आनंद के कपड़ों पर क्यों लगाई थी रोक ?
देव साहब काले कोर्ट में इतने हैंडसम लगते थे की उन्हें लड़कों के साथ-साथ कई लड़कियां भी कॉपी करती थीं। उनके स्टाइल और पहनावे को लेकर उस समय जबरदस्त क्रेज था। लड़कियां उन्हें काले कोर्ट में देखकर इतनी दीवानी हो जाया करती थीं कि उन्हें देखकर छत से छलांग तक लगाने को तैयार हो जाया करती थीं।

उनके स्टारडम को गंभीरता से लेते हुए देश की सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा था। उस दौर में देव आनंद को कोर्ट ने पब्लिक में काला कोर्ट न पहनने के साथ-साथ उनके काले कोर्ट पर बैन भी लगा दिया था। कोर्ट और सरकार के इस तरह से किसी फिल्मी अभिनेता के पहनावे पर प्रतिबंध लगाने से ये तो जाहिर होता है कि इस बात में सच्चाई तो रही होगी।

आपको बता दें बॉलीवुड के इतिहास में ऐसा पहला मौका था, जब कोर्ट ने किसी फिल्म अभिनेता के पहनावे पर ही प्रतिबंध लगा दिया हो।
देव साहब को बॉलीवुड का फैशन आइकन भी कहा जाता था। उनका असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद (Dharamdev Pishorimal Anand) था लेकिन बॉलीवुड में उन्हें देव आनंद और देव साहब के नाम से जाना जाता था।

देव आनंद जब मुंबई आए थे, तो उनकी जेब में महज 30 रुपये थे, अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर इस अभिनेता ने इन 30 रुपयों को लाखों में बदल दिया। अभिनय जगत में आने से पहले और B.A की डिग्री लेने के बाद देव साहब ने इंडियन नेवी में भर्ती होने का प्रयास किया था, लेकिन इसमें विफल होने के बाद उनके पिता पिशोरी लाल आनंद (Pishori Lal Anand) ने उन्हें अपने ही ऑफिस में क्लर्क के काम पर रख लिया।

लेकिन वो कहते हैं ना, जो किस्मत में होता है वो आपको जरूर मिलता है देव आनंद के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 22 साल की उम्र में देव साहब मुंबई आ गए। इसके बाद यहां से इस सितारे का चमकने का सफर शुरू हुआ।

ये बात कम ही लोग जानते हैं कि देव आनंद की हिट फिल्म काला पानी (Kala Pani) में उन्हें काले रंग का कोट पहनने से रोक दिया गया था। इसकी वजह थी काले लिबास में उनका बहुत ज्यादा हैंडसम लगना।

फिल्मी करियर शुरू करने के 2 साल बाद ही फिल्म विघा (Vidya) की शूटिंग के दौरान देव आनंद को अभिनेत्री सुरैया से प्यार हो गया था। इस फिल्म के गीत “किनारे-किनारे चले जाएंगे” में दोनों नाव पर सवार रहते हैं और नाव डूब जाती है। फिल्म की कहानी के मुताबिक देव आनंद सुरैया को बचाते हैं। इसी गाने के बाद देव साहब सुरैया को अपना दिल दे बैठे थे, जिसके बाद उन्होंने सुरैया से शादी करने का फैसला कर लिया था।

बताया ये भी जाता है कि देव आनंद ने उस वक्त फिल्म के सेट पर सुरैया को 3 हजार रुपये की एक अंगूठी देकर प्रपोज भी किया था लेकिन सुरैया की नानी इस शादी के खिलाफ थी, जिसके बाद हालात ऐसे बने जिसने दोनों को फिर कभी एक नहीं होने दिया।

देव आनंद से शादी न होने के बाद सुरैया ने फिर कभी किसी के साथ रिश्ता नहीं जोड़ा और वह ताउम्र कुंवारी रही। देव आनंद ने सुरैया के साथ फिल्म Vidya (1948) में कमाए पैसों से अपनी गाड़ी हिलमैन मिंक्स (Hillman Minx) खरीदी थी, जो उस समय काफी चर्चा में रही थी।
इसके बाद देव आनंद की जिंदगी में कल्पना कार्तिक (Kalpana Kartik) की एंट्री हुई। गुरू दत्त की पहली फिल्म बाजी (Baazi) में देव आनंद और कल्पना कार्तिक की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इसके बाद दोनों कई सफल फिल्मों में साथ नज़र आए, जिसमें टैक्सी ड्राइवर, नौ दो ग्यारह और आंधियां जैसी फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों को करने के बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी, जिसके बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए।