Phone Use Before Sleep,आजकल की डिजिटल ज़िंदगी में मोबाइल फोन हर इंसान की जरूरत बन गया है। सुबह उठते ही सबसे पहले फोन चेक करना और रात को सोने से ठीक पहले तक स्क्रीन में आंखें गड़ाए रहना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आदत आपकी नींद को किस हद तक नुकसान पहुंचा रही है?
नींद पर पड़ता है सीधा असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करना आपकी नींद की गुणवत्ता को काफी हद तक खराब कर सकता है। फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (ब्लू लाइट) हमारे दिमाग में नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के बनने की प्रक्रिया को रोक देती है। जब मेलाटोनिन का स्तर गिरता है, तो शरीर को नींद आने में दिक्कत होती है। नतीजा ये होता है कि आप देर से सोते हैं, नींद पूरी नहीं होती और अगली सुबह सुस्ती, चिड़चिड़ापन और फोकस की कमी महसूस होती है।
कब तक ना चलाएं फोन?
नींद के विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोने से कम से कम 30 मिनट से लेकर 1 घंटे पहले तक मोबाइल फोन को हाथ न लगाएं। इस वक्त को शरीर और दिमाग को रिलैक्स करने के लिए दें ताकि नींद सही समय पर और गहरी आ सके।
कैसे छुड़ाएं ये आदत? आसान टिप्स अपनाएं
नाइट मोड ऑन करें: अगर फोन चलाना बहुत जरूरी हो, तो उसमें ‘नाइट मोड’ या ‘ब्लू लाइट फिल्टर’ ऑन कर लें ताकि आंखों और दिमाग पर असर कम हो।
बेडरूम में फोन ना लाएं: सोने का कमरा आराम के लिए होता है, न कि स्क्रीन देखने के लिए। कोशिश करें कि सोते वक्त फोन को कमरे के बाहर रखें या कम से कम साइलेंट मोड पर डाल दें।
रात की रूटीन बनाएं: सोने से पहले किताब पढ़ना, मेडिटेशन करना या धीमा म्यूजिक सुनना जैसी एक्टिविटीज को अपनी रूटीन में शामिल करें।
डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं: हफ्ते में एक दिन फोन से दूरी बनाएं। इससे दिमाग को रिफ्रेश होने का मौका मिलेगा और नींद भी बेहतर होगी।
मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसकी सही टाइमिंग और लिमिट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, खासकर जब बात नींद की हो। एक अच्छी और पूरी नींद के लिए जरूरी है कि सोने से पहले फोन को थोड़ा वक्त के लिए अलविदा कहें।