Birthday special : फिल्म जगत की हसीन अदाकारा जिनको को मिला पद्म श्री और बनी भारत की पहली अभिनेत्री राज्यसभा सदस्य

नरगिस दत्त एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री, समाजसेविका और संसद सदस्य थीं। उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी और समाजसेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Nargis Dutt Padma Shri and Rajya Sabha member

Birthday special नरगिस दत्त, जिनका असली नाम फातिमा राशिद था, का जन्म 1 जून 1929 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में 1935 की फिल्म ‘तलाश-ए-हक़’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। हालांकि, उन्हें असली पहचान 1942 में फिल्म ‘तमन्ना’ से मिली। इसके बाद उन्होंने ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘चोरी चोरी’ और ‘मदर इंडिया’ जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय किया, जिससे वे हिंदी सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री बन गईं।

उपलब्धियाँ और सम्मान

नरगिस दत्त ने 1957 में फिल्म ‘मदर इंडिया’ में राधा की भूमिका निभाई, जो भारत की पहली ऑस्कर-नामांकित फिल्म बनी। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। वह 1958 में पद्मश्री से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बनीं। इसके अलावा, उन्होंने 1968 में ‘रात और दिन’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्राप्त किया।

पारिवारिक जीवन और सामाजिक कार्य

1958 में नरगिस ने अभिनेता सुनील दत्त से विवाह किया, जो ‘मदर इंडिया’ में उनके सह-कलाकार थे। उनके तीन बच्चे हुए संजय दत्त, नम्रता दत्त और प्रिया दत्त। नरगिस ने अभिनय से दूर होकर समाजसेवा की ओर रुख किया। वह 1970 के दशक में स्पास्टिक सोसाइटी ऑफ इंडिया की पहली संरक्षक बनीं और बच्चों के लिए काम किया।

राजनीति में कदम

नरगिस दत्त 1980 में राज्यसभा के लिए नामांकित होने वाली पहली महिला फिल्म अभिनेत्री बनीं। उन्होंने संसद में सक्रिय भूमिका निभाई और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

अंतिम दिन और विरासत

नरगिस दत्त को 1980 में अग्नाशय के कैंसर का पता चला। इलाज के बावजूद, 3 मई 1981 को उनका निधन हो गया, जब वह केवल 51 वर्ष की थीं। उनकी याद में 1982 में ‘नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन’ की स्थापना की गई, जो आज भी स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत है।

नरगिस दत्त न केवल एक महान अभिनेत्री थीं, बल्कि एक समर्पित समाजसेविका और संसद सदस्य भी थीं। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें बताता है कि एक व्यक्ति कई भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है।

Exit mobile version