राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को उत्तर प्रदेश के टुंडला (फ़िरोज़ाबाद) में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई आगरा से की और बाद में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD), नई दिल्ली से अभिनय की पढ़ाई पूरी की। राज बब्बर ने थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की और फिर बॉलीवुड फिल्मों और राजनीति में भी खास पहचान बनाई। राज बब्बर का नाम 80 और 90 के दशक में फिल्मी दुनिया का जाना-पहचाना चेहरा रहा। 23 जून 1952 को जन्मे राज ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की और फिर हिंदी फिल्मों में कदम रखा। ‘निकाह’, ‘आज की आवाज़’, ‘अंधा कानून’ जैसी कई गंभीर और सामाजिक फिल्मों में उन्होंने मजबूत अभिनय किया। उस दौर में वो संवेदनशील और दमदार एक्टर माने जाते थे।
फिल्मी और राजनीतिक करियर
जब उनका फिल्मी करियर अच्छी ऊंचाई पर था, तभी उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया। सपा और कांग्रेस पार्टी से जुड़े और उत्तर प्रदेश से सांसद बने। शुरू में लगा कि वे राजनीति में भी अच्छा करेंगे, लेकिन धीरे-धीरे उनका प्रभाव कम होता गया। कई बार चुनाव हारे, पार्टी बदलने की बातें भी उठीं और वे विवादों में भी घिरे रहे। नतीजा ये हुआ कि राजनीति से भी उनका कनेक्शन कमजोर हो गया।
उथल-पुथल भरी रही जिंदगी
राज की निजी जिंदगी भी कुछ कम उलझी नहीं रही। उनकी पहली शादी थियेटर आर्टिस्ट नादिरा ज़हीर से हुई, जिनसे दो बच्चे हुए ।आर्य बब्बर और जूही बब्बर। लेकिन एक फिल्म की शूटिंग के दौरान वे अभिनेत्री स्मिता पाटिल के करीब आ गए। दोनों ने शादी कर ली और बेटा प्रतीक बब्बर हुआ। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। स्मिता की मौत बहुत ही कम उम्र में हो गई।
प्रतीक की परवरिश की जिम्मेदारी राज बब्बर पर आ गई। वहीं दूसरी तरफ उनका पहला परिवार भी था, जिससे रिश्ता हमेशा थोड़ी दूरी पर ही रहा। प्रतीक आज फिल्मों में सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें भी बहुत ज्यादा पहचान नहीं मिल पाई। आर्य बब्बर भी फिल्मों में आए, लेकिन चल नहीं पाए।
राज बब्बर अब फिल्मी दुनिया से भी दूर हैं और राजनीति से भी। वे लगभग गुमनामी में जी रहे हैं। उनके जन्मदिन पर सवाल उठता है। अगर वे सिर्फ अभिनय तक सीमित रहते तो क्या वे और ऊंचा नाम बना सकते थे? क्या निजी जिंदगी में थोड़ा और समय देते तो सबकुछ संभल जाता?
उनका जीवन यही सिखाता है कि अगर आप एक साथ बहुत से रास्तों पर चलना चाहें, तो कई बार मंजिल नहीं मिलती बल्कि रास्ते बिखर जाते हैं।