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सूफियाना अंदाज को आगे बढ़ाते हिंदुस्तान के साबरी ब्रदर्स, ज़ीशान, फैज़ान

सूफियाना अंदाज को आगे बढ़ाते हिंदुस्तान के साबरी ब्रदर्स, ज़ीशान, फैज़ान

नई दिल्ली। आज हिंदुस्तान में अगर कव्वाली का नाम आता है तो साबरी ब्रदर्स इकबाल अफज़ाल साबरी और ज़ीशान, फैज़ान साबरी का नाम ज़रूर आता है। उनकी जादुई आवाज़ और सूफियाना अंदाज़ हिंदुस्तान की आवाम पर सिर चढ़कर बोलती है। सहारनपुर देवबंद में इनकी जुड़े हैं और हिंदुस्तान ही नहीं देश-विदेश सभी जगहों पर इन के फन का लोहा माना जाता है कुल मिलाकर यही है। इन साबरी ब्रदर्स को आज दुनिया भर की आवाम पसंद करती है और आज यह किसी परिचय के मोहताज नहीं है।

उस्ताद इकबाल, अफज़ाल साबरी ने बहुत सी फिल्मों में अपना हुनर दिखाया

ज़ीशान फैज़ान साबरी के चाचा और उस्ताद इकबाल, अफज़ाल साबरी ने बहुत सी फिल्मों में अपना हुनर दिखाया है। इन्होंने प्यार किया तो डरना क्या, राजकुमार, गुनाह, चोरी चोरी, गुलाम-ए-मुस्तफा, जैसे बहुत सी फिल्मों के लिए गीत गाए हैं। ज़ीशान फैज़ान साबरी भी अपने चाचा इकबाल अफज़ाल साबरी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। इनके प्राइवेट शोज़ प्रोग्राम्स और कार्यक्रम लगातार देश विदेश में होते रहते हैं।

सूफियाना मोसिकी की तालीम अपने चाचा उस्ताद इकबाल अफज़ाल सबरी से ली

ज़ीशान फैज़ान साबरी इकबाल अफज़ाल साबरी के छोटे भाई शमशाद साबरी के बेटे हैं। घर में गायन का माहौल था और ज़ीशान फैज़ान का इस ओर रुझान भी, वह बचपन से ही अपने चाचा उस्ताद इकबाल अफज़ाल साबरी के साथ महफिलों में जाया करते थे। और धीरे-धीरे वह भी उन्हीं की राह पर चल पड़े। सूफियाना मोसिकी की तालीम अपने चाचा उस्ताद इकबाल अफज़ाल सबरी से ली, जबकि शास्त्रीय संगीत की तालीम उन्होंने किराना घराने के उस्ताद फिरदौस अहमद खान साहब से ली।

इस एल्बम ने साबरी ब्रदर्स को एक नई पहचान दी

ज़ीशान फैज़ान साबरी ने 2004 में ऑल इंडिया रेडियो पर कई प्रोग्राम किए। 2007 में आगरा फेस्टिवल के ताज उत्सव में इकबाल अफज़ाल साबरी के साथ अपना फन पेश करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 2010 में टी सीरीज़ ने उनका पहला एल्बम ख्वाजा तेरे नाम के दीवाने हो गए रिलीज़ किया। इस एल्बम ने साबरी ब्रदर्स को एक नई पहचान दी और इसके बाद इन्होंने देश के लगभग सभी बड़े शहरों में अपने प्रोग्राम किए।

कर्नाटक उर्दू एकेडमी ने उन्हें दो बार उनके गायन के लिए सम्मानित भी किया

साबरी ब्रदर्स के लिए साल 2017 उस समय ट्रेनिंग पॉइंट साबित हुआ जब कलर्स टीवी के प्रोग्राम इंडिया इज़ गोट टैलेंट में उन्हें अपना फन दिखाने का मौका मिला। इस कार्यक्रम में करण जोहर, मलाइका अरोड़ा, किरण खेर ने उनके फन को काफी सराहा। 2017 और 2018 में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ज़ीशान फैज़ान साबरी को लाल किले के कार्यक्रम में अपने फन को दिखाने का मौका मिला। लाल किले पर आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन खेल मंत्रालय ने किया था, इन कार्यक्रमों में उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी फन दिखाने का मौका मिला उनके द्वारा गाए हुए गाने, जो खेलेगा वह खिलेगा की सराहना खुद प्रधानमंत्री ने भी की थी।

इन प्रोग्राम के बाद देशभर के टीवी चैनल्स पर उनको अपना फन दिखाने का मौका मिला

अभी हाल ही में फरवरी 2020 में उन्होंने अपना साउथ अफ्रीका का शानदार दौरा किया। हां उन्होंने डरबन, जोहानेसबर्ग, कैप्टन, और लोडियम जैसी जगहों में अपने शोज़ किए। विदेशों में अपने इन प्रोग्राम्स के ज़रिए साबरी ब्रदर्स ने हिंदुस्तान का नाम खूब रोशन किया। ज़ीशान फैज़ान साबरी बताते हैं कि उनके चचेरे भाई यानी इकबाल साबरी के सापुत्र प्लेबैक सिंगर शबाब साबरी और दानिश साबरी भी दबंग जैसी बड़ी फिल्मों के ज़रिए इस वक्त बॉलिवुड में खूब धूम मचा रहे हैं।

हिंदू मुस्लिम भाईचारे को भी आगे बढ़ाना चाहते हैंज़ीशान फैज़ान

ज़ीशान फैज़ान साबरी बताते हैं कि उन्हें आगे बढ़ाने में शबाब साबरी दानिश साबरी और मोइन साबरी का काफी सहयोग रहा है। ज़ीशान फैज़ान साबरी कहते हैं कि हम अपनी गायकी के ज़रिए हिंदू मुस्लिम भाईचारे को भी आगे बढ़ाना चाहते हैं। हमारा गीत चाहे पूजा करो या इबादत करो इस भाईचारे को आगे बढ़ाती हुई एक कड़ी है। वैसे भी मोसीकी का कोई धर्म नहीं होता वह तो बस इंसानियत को ही जानती और मानती है। जल्द ही ज़ीशान फैज़ान साबरी अपना नया एलबम दम मस्त कलंदर लांच करने जा रहे हैं और यह आशा करते हैं कि जैसा प्यार उनको अभी तक मिलता रहा है हिंदुस्तान की आवाम से आगे भी मिलता रहेगा। तो यह तो रही हिंदुस्तान के साबरी ब्रदर्स की कहानी लेकिन अभी तो यह कारवां आगे बढ़ रहा है और इसकी मंज़िल आसमा से भी ऊपर है शायद।सूफी संगीत और सूफियाना अंदाज़ को आगे बढ़ाते हुए साबरी ब्रदर्स कहां तक पहुंचाते हैं यह भी देखेंगे हम लोग।

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