Birthday special :आजकल के सबसे बड़े नामों में से तीन नाम जो भारतीय खेल और कला के क्षेत्र में छाए हुए हैं, वे हैं कपिल देव, ए. आर. रहमान और दिलजीत दोसांझ। 6 जनवरी को इन तीनों का जन्मदिन होता है और यह तीनों ही अपनी अपनी क्षेत्रों में बड़े सुपरस्टार रहे हैं। आइए, जानें इन तीनों के जीवन के बारे में और कैसे उन्होंने भारतीय संस्कृति, संगीत, हिंदी, पंजाबी, फिल्मों और खेल जगत में अपनी छाप छोड़ी।
कपिल देव,भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले कप्तान
6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में जन्मे कपिल देव का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। ‘हरियाणा हरिकेन’ के नाम से मशहूर कपिल देव ने अपनी कप्तानी में 1983 में भारत को पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जितवाया था। वह टीम इंडिया के सबसे महान आलराउंडरों में से एक माने जाते हैं। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट को जीतकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था।
कपिल देव की क्रिकेट यात्रा में कई अहम मोड़ आए। महज 15 साल की उम्र में कपिल देव को क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए मुंबई भेजा गया, जहां उन्होंने एक कठिन ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया। इस कैंप में उन्हें केवल दो रोटियां और सूखी सब्जी मिली, जिससे वह नाराज हुए और तय किया कि वह भारत के सबसे तेज गेंदबाज बनेंगे।
कपिल देव ने 16 साल के लंबे करियर में 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट और 5248 रन बनाए। वह टेस्ट क्रिकेट में 5000 रन और 400 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी बने। वहीं वनडे में भी उन्होंने 200 विकेट लेने का रिकॉर्ड स्थापित किया। 1994 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, कपिल देव को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
ए०आर०रहमान,संगीत का जादूगर
6 जनवरी 1967 को चेन्नई में जन्मे ए आर रहमान का असली नाम था ए एस दिलीप कुमार था। लेकिन एक हादसे के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर ए आर रहमान रख लिया। रहमान के संगीत में एक ऐसा जादू है जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। वह पहले भारतीय संगीतकार हैं, जिन्हें ब्रिटिश फिल्म स्लम डॉग मिलियनेयर में अपने संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकनों के साथ ही दो ग्रैमी पुरस्कार मिले।
रहमान ने अपने संगीत करियर की शुरुआत मणिरत्नम की फिल्म ‘रोजा’ से की थी। उनकी संगीत रचनाएं, जैसे तहजीब, दिल से, रंगीला, स्वदेश, जोधा अकबर, और स्लम डॉग मिलियनेयर जैसी फिल्मों में उनके संगीत ने उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा संगीतकार बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने 1997 में ‘वंदे मातरम्’ नाम का एक एल्बम बनाया जो बहुत ही सफल हुआ।
रहमान के जीवन में कई कठिनाइयां आईं, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल को पार करते हुए अपनी कला को दुनियाभर में पहचान दिलाई। वह भारत के सबसे बड़े संगीतकार माने जाते हैं और उनकी संगीत रचनाएं आज भी लोगों के दिलों में बसती हैं।
दिलजीत दोसांझ पंजाबी फिल्मों का सुपरस्टार
6 जनवरी 1984 को जन्मे दिलजीत सिंह दोसांझ पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं। ‘दिलजीत’ के नाम से मशहूर इस अभिनेता और गायक ने पंजाबी फिल्मों में अपने अभिनय और गायकी से लाखों दिलों में जगह बनाई है। उनकी प्रमुख फिल्मों में जट एंड जूलिएट, पंजाब 1984, जिने मेरा दिल लुटेया, और डिस्को सिंह जैसी फिल्मों का नाम लिया जा सकता है।
दिलजीत ने न केवल पंजाबी फिल्मों में बल्कि हिंदी फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। उन्होंने रितेश देशमुख और जेनेलिया की फिल्म तेरे नाल लव हो गया में भी गीत गाए और अभिनय किया। इसके बाद उनकी भूमिका फिल्म उड़ता पंजाब में काफी सराही गई, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा।
दिलजीत ने बैक टू बेसिक नामक अपना एल्बम भी जारी किया, जो बहुत ही पॉपुलर हुआ। इसके अलावा, वह पंजाबी संगीत उद्योग के सबसे बड़े गायक भी माने जाते हैं। उनकी गायकी में एक अलग ही मस्ती और जोश है, जो हर किसी को पसंद आता है।
तीनों का योगदान और उनके जीवन के संघर्ष
कपिल देव, ए. आर. रहमान और दिलजीत दोसांझ तीनों ही अपने अपने क्षेत्र में कठिन संघर्षों से गुजरते हुए अपनी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे। कपिल देव ने जहां क्रिकेट में अपनी कप्तानी से भारत को विश्व चैंपियन बनाया, वहीं रहमान ने संगीत की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। दिलजीत दोसांझ ने पंजाबी सिनेमा से लेकर बॉलीवुड तक अपनी पहचान बनाई और हरियाणा से लेकर दुनिया भर में अपने गीतों और अभिनय के जरिए लोकप्रिय हुए।
इन तीनों के जीवन से यह सीखनेको मिलता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है। इनके संघर्ष और सफलता की कहानी आज भी हमें प्रेरित करती है