लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे आने में मात्र कुछ ही घंटे बचे हैं,लेकिन उससे पहले ही तमाम न्यूज़ एजेंसीज के एग्जिट पोल के नतीजों से सियासत का पारा अपने चरम पर पहुंचा गया है। इसी कड़ी में इन एग्जिट पोल्स के मुताबिक बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी कांटे की टक्कर देती दिखाई दे रही है ।साथ ही अन्य पार्टियों का सूबे से सूपड़ा साफ़ होता दिखाई दे रहा है। फिलहाल ये अभी एग्जिट पोल के नतीजे हैं और असली नतीजे आना अभी बाकी हैं । राजीनीतिक पंडितों समेत मौजूदा विपक्ष के नेता एक ही सुर में एग्जिट पोल को गलत साबित करते दिखाई दे रहें हैं।
कई मीडिया चैनलों ने हर विधानसभा के एग्जिट पोल भी दिखाए। जिसमें सपा और भाजपा की तो लड़ाई दिखी लेकिन सपा के साथ गठबंधन में शामिल पार्टियां जिसमें कि रालोद, सुभासपा, महान दल, अपना दल (कमेरावादी) और प्रगतिशील मोर्चा शामिल हैं जो कि एग्जिट पोल के अनुसार काफी खस्ता हालत में दिख रहा है। बता दें कि सपा तीसरी बार गठबंधन के साथ राजनीतिक अखाड़े में उतरी है लेकिन अगर एग्जिट पोल्स को सही माने तो इस बार भी सपा जिन पार्टियों को अपने साथ लेकर चल रही है वो कुछ खास करती नज़र नहीं आ रही है। सरल शब्दों में कहें तो बिलकुल फ्लॉप शो नज़र आ रहा है ।
2019 में बसपा के गठबंधन को भी जनता ने किया था दरकिनार
2017 में महागठबंधन से मिली करारी हार के बाद भी अखिलेश यादव ने 2019 में विधानसभा चुनाव में फिर से गठबंधन का हाथ थामा था। उस बार भी सपा को राजनीतिक अखाड़े में मुंह की खानी पड़ी थी लेकिन इस बार भी पूर्वानुमान के अंतर्गत कुछ ऐसा ही हाल दिख रहा है। लेकिन अभी भी सपा उम्मीदों पर कायम है और पूरे जोश खरोश के साथ सत्ता में आने का दम भर रही है ।
एक नजर चुनावी आंकड़ों की ओर
अगर बात करें 2012 में सपा को 29.2% वोट मिले थे वहीं कांग्रेस को 11.6% वोट मिले थे। जब दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरी थीं। बात करें अगर 2017 कि तो दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर विधानसभा में भी कुछ खास करिश्मा नहीं कर पाया था। टोटल वोट शेयर लगभग उतना ही रहा जिसमें कि सपा को 23 प्रतिशत और कांग्रेस को 6 प्रतिशत से कुछ ऊपर रहा ।
निशांत दीक्षित