नई दिल्ली। भारतीय रेलवे बोर्ड ने बड़ा अजीबोगरीब फैसला लिया है। दरअसल रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर कोचिंग विवेक कुमार सिंहा ने 29 अगस्त को एक आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार एक्सप्रेस ट्रेनों को उन्हीं स्टेशनों पर स्टॉपेज मिलेगा जिनकी टिकट से रोजाना की आमदनी 15 हजार से ज्यादा की होगी। जो 15 हजार से कम आमदनी वाले स्टेशन है उन पर एक्सप्रेस ट्रेंने नहीं है। पहले 5 हजार की आमदनी होने पर अस्थाई रूप से ट्रेने की रुकने की सुविधा थी।
जानकारी के मुताबिक ट्रेनें एक स्टेशन पर रूकने के बाद दोबारा चलती है तो इसमें करीब 25 हजार रूपये का खर्च आता है। ऐसे में अगर हर ट्रेन हर स्टेशन पर रुकेगी तो सोचे कितना खर्च होगा। ट्रेन के एक स्टेशन के रूकने और चलने के खर्च में जिसमें कर्मचारियों वेतन, सफाई, यात्री सुविधा, बिजली, डीजल, आदि शामिल होते है। अब रेलवे प्रशासन उन स्टेशनों से स्टोपज खत्म करने जा रही है जिस स्टेशन से बीस से कम यात्री सवार होते हैं। हालांकि आदेश जारी होने के पहले तक जिन स्टेशनों पर ट्रेनों का स्टोपज है।
वह ऐसे ही जारी रहेगा। 20 से अधिक ऐसे स्टेशन हैं जहां यात्रियों की संख्या काफी कम है। कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों को ऐसे स्टेशनों पर स्टोपज दिया गया है। जिन स्टेशनों पर टिकट की कमाई 15 हजार से अधिक है। नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस को लक्ष्मीपुर स्टेशन तो गोरखपुर-मैलानी एक्सप्रेस को बृजमनगंज स्टेशन पर ठहराव दिया गया है। वहीं मुजफ्फरपुर-बनारस बापूधाम एक्सप्रेस को सिसवा बाजार स्टेशन पर ठहराव दिया गया है