नोएडा: दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) से प्रभावित किसान मुआवजे की मांग को लेकर पिछले काफी समय से धरना प्रदर्शन कर रहे है। जिसके चलते आज सैकड़ों किसान महिलाओं के साथ एकत्र होकर रेलवे ट्रेक पर लेट गए और प्रदर्शन किया। वही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी किसानों को समझाने में जुटे हुए है। किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे थे तभी एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। गनीमत रही कि किसान समय से रेलवे ट्रैक से हठ गए वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था।
किसानों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा डीएमआईसी और डीएफसीसी जैसी परियोजनाओं के लिए प्राधिकरण द्वारा उनकी जमीन ले ली गई थी। जिसका उचित मुआवजा नहीं मिला और ना ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी मिली। इस धरना प्रदर्शन में आज महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। DMIC परियोजनाओं के सामने सैकड़ों की संख्या में बोड़ाकी व पल्ला गांव के किसान पिछले काफी समय से धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं।
किसानों का कहना है कि हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्र के अंदर आने वाले जमीन का चार गुना मुआवजा देने का आदेश दिया था, लेकिन जिला प्रशासन आदेशों की अवहेलना करता है। जिसके चलते किसान घूंट बोड़ा की रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और जमकर हंगामा किया। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है वह नहीं हटेंगे। वहां मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा किसानों को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन किसान अपनी मांगों पर डटे हुए है।
किसानों का कहना है कि सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा सहित 20% प्लॉट आबादी की जमीन छोड़ी जाने की मांग को लेकर वह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वह अपनी मांगों को लेकर कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आला अधिकारियों से मिले लेकिन आज तक उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया जिसके चलते मजबूर होकर किसान धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। वही किसानों का कहना है कि प्राधिकरण के द्वारा जबरन जमीन तो ले ली गई लेकिन ना तो अभी उन्हें मुआवजा मिला है और ना ही जमीन के बदले जमीन दी गई है जिसके चलते उनके बाल-बच्चे और सड़क पर आ गए हैं।