बागपत: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को बागपत जनपद के घिटोरा गांव में आयोजित किसान मजदूर सम्मेलन में पहुंचे थे। जहाँ, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रोग्राम में जमकर बाल बलाओ के ठुमके लगाए गए है। वहीं, राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सुरक्षा में मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने भी बाल बालाओ की वीडियो बनाई और सेल्फी खींचते हुए नजर आए। किसान मजदूर सम्मेलन में राज्यपाल के घिटौरा गांव में पहुंचने से पहले खूब ठुमके लगे। वहां, आयोजकों ने भीड़ जुटाने के लिए रागिनी व डांस का कार्यक्रम भी रखा हुआ था। जिससे लोगों ने खूब मनोरंजन किया।
चौधरी करतार सिंह के आवास पर भाकियू अजगर के किसान मजदूर सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सबसे पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों को कोई बेचारा न समझें। यह वही किसान है, जिन्होंने देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वह खुद सरकार में होने के बाद भी हमेशा किसानों के हित के लिए आवाज उठाते रहे हैं और वह आगे भी ऐसे ही आवाज उठाते रहेंगे। किसान आंदोलन में 700 किसानों की शहादत हुई। जिससे उनको गहरा दुख पहुंचा है, लेकिन सरकार से किसी ने उन किसानों के लिए दुख प्रकट करते हुए दो शब्द भी नहीं कहे। प्रधानमंत्री में किसानों के प्रति कोई संवेदना नहीं है।
उन्होंने कहा कि 700 किसानों की शहादत के बाद भी सरकार नहीं चेती। कहा कि किसानों को मिलकर अपनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। किसान कौम एक साथ हो जाएगी तो इनकी जीत होने से कोई नहीं रोक सकता है। संगठन का नाम भाकियू अजगर चौधरी चरण सिंह की याद दिलाता है। वे कहा करते थे कि यदि अजगर कौम एकजुट हो गई तो दिल्ली का राज छीन लेगीं।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष हरबीर नागर ने और संचालन चौधरी करतार सिंह ने किया। वहीं, कार्यक्रम के दोरान अध्यक्ष ममता किशोर, डॉ. उपमा, प्रवीन शर्मा, हर्ष प्रधान, ब्रजेश यादव, लीलू प्रमुख, कवंरपाल सिंह, वेद प्रधान, सजय यादव, राजेश कुमार मौजूद रहे।
राज्यपाल सत्यपाल सिंह ने कहा कि ऐसे में किसान की आमदनी दोगुनी कैसे हो सकती है। किसान जिसको पैदा कर रहा है, उसके दाम घटा रहे हो। जिसको खरीद रहा है, उसके दाम बढ़ा रहे हो। किसान जब दिल्ली में धरने पर बैठे थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर किसानों का धरना समाप्त कराने का आग्रह किया था तो उन्होंने तब भी अनदेखी की थी। किसान वह है जो सौ साल तक भी डटकर मुकाबला कर सकता है। उन्होंने गुर्जर समाज को लेकर भी कहा कि गुर्जर एक क्रांतिकारी कौम है। जब जब देश को जरूरत पड़ी है, तो गुर्जरों ने हमेशा डटकर मुकाबला किया है।