नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपने अंतिम सेवा के बाद दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में राज्यपाल के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई है.
न्यायपालिका और राजनीतिक दोनों क्षेत्र में अमूल्य योगदान
बता दें कि फातिमा बीवी देश के करोड़ों महिलाओं के लिए आदर्श हैं. इन्होंने अपने लंबे और शानदार करियर में देश के महिलाओं के लिए नजीर बनने का काम किया है. इन्होंने न्यायपालिका के साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है.
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कैथोलिकेट हाईस्कूल से प्राप्त की स्कूली शिक्षा
तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल दक्षिण भारतीय राज्य केरल के पंडालम की रहने वाली हैं. इन्होंने यहां के पथानामथिट्टा के कैथोलिकेट हाईस्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. इसके बाद इन्होंने तिरुवनंतपुरम के कॉलेज से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी.
मानवाधिकार आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं फातिमा बीवी
गौरतलब है कि तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त करने से पहले फातिमा बीवी को 1993 में मानवाधिकार आयोग की सदस्य बनाया गया था. जब वो राज्यपाल थी, तब वो तमिलनाडु विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में अपना कार्यभार संभाला.