नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की और इज़राइल-हमास संघर्ष से पैदा हुए गंभीर स्थिति पर चर्चा की. फोन पर बातचीत में जयशंकर ने अमीर-अब्दुल्लाहियन को संघर्ष को बढ़ने से रोकने के महत्व और गाजा में लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में बताया.
हमास ने 1400 इजरायलियों की हत्या की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तनाव को रोकने और मानवीय सहायता प्रदान करने के महत्व से अवगत कराया और साथ ही संपर्क में बने रहने पर सहमति भी व्यक्त की. 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इजरायली शहरों पर अभूतपूर्व और बहुआयामी हमलों के बाद इजरायल गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रमण कर रहा है. हमास ने इज़राइल में लगभग 1,400 लोगों की हत्या कर दी और 220 से अधिक अन्य लोगों का अपहरण कर लिया.
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एस जयशंकर ने इनसे भी की थी चर्चा
बता दें कि गाजा के अधिकारियों के मुताबिक, इजरायली जवाबी हमले में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इससे पहले, जयशंकर ने सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान, संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्ष शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान और ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी के साथ पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा की थी.
भारत ने अख्तियार किया था अपना ये रूप
गौरतलब है कि पिछले महीने, भारत ने इजरायली शहरों पर हमास के हमलों को “आतंकवादी हमले” के रूप में बताया था, लेकिन साथ ही फिलिस्तीन के साथ-साथ रहने वाले “संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य” राज्य की स्थापना के लिए बातचीत की वकालत करने वाली अपनी “लंबे समय से चली आ रही” स्थिति की पुष्टि भी की थी.