नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के हमले ने देश के कई बड़े शहरों को तबाह कर दिया है। युद्ध के बीच लगभग 700,000 लोग रोमानिया और मोल्दोवा जैसे पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की माने तो जंग के दौरान यहां से लगभग चार मिलियन लोग पलायन कर चुके हैं।
इस बीच WHO यूरोप के निदेशक हंस क्लूज ने पिछले सप्ताह के अंत में एक इंटरव्यू में रायटर ने चेतावनी दी है कि दोनों देशों में चल रहा युद्ध क्षेत्रीय स्वास्थ्य तबाही के खतरे को बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, ‘यह तबाही एक या दो देशों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर है।”
उन्होंने कहा कि युद्ध के समय स्वास्थ्य देखभाल के लिए लोगों की कमी हो जाती है, अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टर्स समय पर उपलब्ध नहीं हो पाते जिससे यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधा पर तगड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कई बार बम और गोलियों की तुलना में बीमारी और कुपोषण से कहीं अधिक लोगों को मारते हैं। उन्होंने कहा कि अब डर यह है कि पड़ोसी देशों में शरणार्थियों की आमद उनकी स्वास्थ्य प्रणालियों को भी किनारे कर देगी।
निशांत दीक्षित